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13 Aug 2021 · 1 min read

आब-ए-तल्ख़

आब-ए-तल्ख़ छलक
ही जाता है जनाब क्यू..
जब कोई प्यार को एक
हादसा समझ भूल जाए..

© premyad kumar naveen
Dist- mahasamund (C.G)

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 138 Views
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