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4 Mar 2024 · 1 min read

आफत की बारिश

असमय वर्षा जो गिरी,विस्मित है संसार।
फसलें हैं बर्बाद अब,मुश्किल में परिवार।
मुश्किल में परिवार, फसल गेहूँ मुरझाई।
लेकर वर्षा रूप,जगत आफत सी आई।
डरते सभी किसान,देख नभ फिर बदरामय।
कलियुग बढ़ा प्रभाव,गिरी वर्षा जो असमय।।

ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

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