आप तो आप ही है

आप तो आप ही है, आप सा कोई नहीं।
खूबसूरत और हसीन, आप सा कोई नहीं।।
आप तो आप ही है————————-।।
क्यों करें तारीफ हम, महके इन फूलों की।
आप से ज्यादा नहीं है,महक इन फूलों की।।
मकबूल इस शहर में, आप सा कोई नहीं।
आप तो आप ही है————————।।
आपसे रात है रोशन, आपका रुप है ऐसा।
चांद भी शर्माता है, आपका ताब है ऐसा।।
बुलंद जमीं पे सितारा, आप सा कोई नहीं।
आप तो आप ही है————————-।।
चलने लगती है बहारें, आपकी देख अदायें।
आपका करते है स्वागत, बाँहें सभी फैलाये।।
लाजवाब शुभाअल्लाह,आप सा कोई नहीं।
आप तो आप ही है————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)