Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2022 · 1 min read

आपकी याद

दिल में बाकी कोई ख़लिश जैसे ।
आपकी याद की कशिश जैसे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
13 Likes · 71 Views
You may also like:
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
सुई नोक भुइ देहुँ ना, को पँचगाँव कहाय,
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
दादी माँ
दादी माँ
Fuzail Sardhanvi
वो खिड़की जहां से देखा तूने एक बार
वो खिड़की जहां से देखा तूने एक बार
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
जिसमें हर सांस
जिसमें हर सांस
Dr fauzia Naseem shad
ਨਾਨਕ  ਨਾਮ  ਜਹਾਜ  ਹੈ, ਸਬ  ਲਗਨੇ  ਹੈਂ  ਪਾਰ
ਨਾਨਕ ਨਾਮ ਜਹਾਜ ਹੈ, ਸਬ ਲਗਨੇ ਹੈਂ ਪਾਰ
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्त
जहां तक रास्ता दिख रहा है वहां तक पहुंचो तो सही आगे का रास्त
dks.lhp
देखता हूँ प्यासी निगाहों से
देखता हूँ प्यासी निगाहों से
gurudeenverma198
वो पुरानी सी दीवारें
वो पुरानी सी दीवारें
शांतिलाल सोनी
~~बस यूँ ही~~
~~बस यूँ ही~~
Dr Manju Saini
दिल को समझाने का ही तो सारा मसला है
दिल को समझाने का ही तो सारा मसला है
shabina. Naaz
रूकतापुर...
रूकतापुर...
Shashi Dhar Kumar
तुमसे कहते रहे,भुला दो मुझको
तुमसे कहते रहे,भुला दो मुझको
Surinder blackpen
मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां
मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां
Ram Krishan Rastogi
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
It's not that I forget you
It's not that I forget you
Faza Saaz
अंदर का मधुमास
अंदर का मधुमास
Satish Srijan
There are only two people in this
There are only two people in this
Ankita Patel
जियरा जरेला दिन-रैन
जियरा जरेला दिन-रैन
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-344💐
💐प्रेम कौतुक-344💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ ठीक नहीं आसार
■ ठीक नहीं आसार
*Author प्रणय प्रभात*
रूठी बीवी को मनाने चले हो
रूठी बीवी को मनाने चले हो
Prem Farrukhabadi
लफ्ज़
लफ्ज़
डॉ प्रवीण ठाकुर
भूख
भूख
RAKESH RAKESH
When we constantly search outside of ourselves for fulfillme
When we constantly search outside of ourselves for fulfillme
Manisha Manjari
कभी किताब से गुज़रे
कभी किताब से गुज़रे
Ranjana Verma
गीतिका...
गीतिका...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*पास में अगर न पैसा 【कुंडलिया】*
*पास में अगर न पैसा 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
सफलता और सुख  का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
सफलता और सुख का मापदण्ड स्वयं निर्धारित करनांआवश्यक है वरना
Leena Anand
जिसे मैं ने चाहा हद से ज्यादा,
जिसे मैं ने चाहा हद से ज्यादा,
Sandeep Mishra
Loading...