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20 Aug 2022 · 1 min read

दर्द पर लिखे अशआर

आपकी याद तो नहीं लेकिन ।
कोई पिघला है दर्द आँखों से ।।

दर्द देता है इस दर्द को जीना ।
वक़्त ने हमसे क्या नहीं छीना ।।

एक दर्द-ए-एहसास जिसे कह न पाऊं कहीं।
गुज़रते वक़्त की मानिंद गुज़र न जाऊं कहीं ॥

ज़िंदगी तुझसे यहाँ कौन कटा होता है।
दर्द हर सांस के हिस्से में बंटा होता है ।।

ज़ख़्म नासूर करके रखते हैं।
दर्द की हम दवा नहीं करते ।।

इनका एहसास खूब होता है।
दर्द इतने बुरे नहीं होते |

ज़ख्म गहरा सा कोई दे जाओ।
दर्द में अब मज़ा नहीं आता ।।

जब भी सोचेंगे उसको जीने की।
जिंदगी दर्द का मज़ा देगी ॥

दर्द इसका समझ नहीं सकते ।
खो दिया हमने कितने अपनों को ।।

जैसा हैं हम अंदर से उसे वैसा ही दिखाना ।
मुश्किल है बहुत दर्द की तस्वीर बनाना ।।

दर्द शिद्दत को पार कर आया।
इश्क़ रोया जो आज सीने में ।।

दर्द को राहतें नहीं मिलती।
लफ़्ज़ एहसास जब सिमट जाए ।।

ज़िंदगी का कोई लम्हा
न कभी तुझपे भारी गुज़रे ।
तेरे हर दर्द से कह दूंगी
मुझसे होकर गुज़रे ।।

दर्द उनका भी कम नहीं होता ।
जिन पे खोने को कुछ नहीं होता ।।

डॉ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
7 Likes · 245 Views
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