आपकी इस मासूमियत पर

आपकी इस मासूमियत पर, कौन फिदा नहीं होगा।
आपकी इस मासूमियत से,प्यार किसको नहीं होगा।।
आपकी इस मासूमियत पर——————-।।
बहुत तारीफ हमने तुम्हारी, सुनी है हर किसी से।
मोहब्बत पाई है आपने, यहाँ पर हर किसी से।।
आपकी इस मासूमियत का कौन गुलाम नहीं होगा।
आपकी इस मासूमियत से, प्यार किसको नहीं होगा।।
आपकी इस मासूमियत पर——————-।।
कितना सरल और सौम्य , यह आपका व्यवहार है।
कितना सच्चा और पवित्र, आपका यह प्यार है।।
आपकी इस मासूमियत से, कौन खुश नहीं होगा।
आपकी इस मासूमियत से , प्यार किसको नहीं होगा।।
आपकी इस मासूमियत पर——————–।।
रब से दुहा मैं करता हूँ , खुश हमेशा आप रहे।
ख्वाब तुम्हारे फुले फले,आबाद हमेशा आप रहे।।
आपकी इस मासूमियत का, कौन कायल नहीं होगा।
आपकी इस मासूमियत से,प्यार किसको नहीं होगा।।
आपकी इस मासूमियत पर——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)