आनन्द की सरिता में तैरे,

आनन्द की सरिता में तैरे,
अविरल जीवन की नौका।
हर रोज सरलता से पाओ
हर कदम सफलता का मौका।
इस जन्म-दिवस की पुस्तक में
आह्लाद से भरी कहानी हो।
शत-बार जन्म दिन यूं आए,
निर्झर झरता ज्यों पानी हो।
उच्च विचार व नेक इरादे,
फैले तेरी कीर्ति विमल।
हर पल मन हर्षित मुश्काये,
ज्यों सरवर का खिला कमल।
भाग्य आपसे कभी न रूठे,
अभिलाषा भी हो पूरी।
चेहरे पर हो निर्मल आभा,
दुख से हो कोसों दूरी।
अपनों के स्नेह सूत्र से,
बन्धित तेरी कलाई हो।
बुरे कर्म से राम बचाये,
सदैव तेरी भलाई हो।
घर-आँगन गुलज़ार हो व,
अच्छाई पूरित हो दामन।
जन्म दिवस की तुम्हें बधाई,
आशिष देता मेरा मन।