Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

आत्मा की आवाज

कभी कभार मुझको भी आंक लिया करो
मेरे दामन में झांक लिया करो
मैं बैठी रहती हूं अकेली, मुझसे बात किया करो
अपने अंतस में झांक लिया करो
जब कभी थक हार कर, चूर हो जाओ
जीवन की राहों में, निराशा से घिर जाओ
मेरे पास थोड़ा, आराम किया करो
कभी-कभी काम से, विश्राम लिया करो
कभी कभी मुझसे भी बात किया करो
अपने ही दामन में झांक लिया करो
मैं तुम्हारी सारी थकान मिटाऊंगी
नित नई ऊर्जा का अमृत पिलाऊंगी
निराशा दूर कर, आशा विश्वास जगाऊंगी
तुमको जीवन के गीत सुनाऊंगी
कभी कभी पास मेरे वैठ जाया करो
हाल चाल जान जाया करो
तुम मुझे पहचानो तो सही
मैं जन्म जन्म से तुम्हारी ही हूं , तुम्हारे पास ही तो हूं
तुम्हारे अलग-अलग शरीरों में, तुम्हारे साथ ही तो हूं
बस शरीर में आते ही, तुम मुझे भूल जाते हो
अपने अस्तित्व को, बाहर ही तलाशते हो
कभी-कभी आया भी करो,
मुझसे दो बात तो किया करो
मैं तुम्हारी आत्मा ही तो हूं
बताऊंगी जीवन की अमरता और नश्वर शरीर के राज
समझा दूंगी सुख शांति और जीवन का अक्षय प्रकाश
कि तुम, तुम नहीं, सिर्फ मैं हूं,
और रहूंगी हर दम हर समय तुम्हारे ही साथ
इस लिए कभी कभी आया जाया करो, तुम्हारा घर है तशरीफ़ लाया करो।।
।। तुम्हारी आत्मा।।

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
473 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

बदल रही है ज़िंदगी
बदल रही है ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
योग
योग
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हृदय में वेदना इतनी कि अब हम सह नहीं सकते
हरवंश हृदय
मदारीवाला
मदारीवाला
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
धीरे धीरे ही सही
धीरे धीरे ही सही
Dhirendra Panchal
बाहिर से
बाहिर से
सिद्धार्थ गोरखपुरी
यारी की तरफदारी
यारी की तरफदारी
विजय कुमार अग्रवाल
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Surya Barman
खून के छींटे है पथ्थरो में
खून के छींटे है पथ्थरो में
sushil yadav
इतनी बिखर जाती है,
इतनी बिखर जाती है,
शेखर सिंह
दिखा दो
दिखा दो
surenderpal vaidya
*रोगों से बचकर रहें, कृपा करें भगवान (कुंडलिया)*
*रोगों से बचकर रहें, कृपा करें भगवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
समय किसी भी तख़्त का,हुआ नहीं मुहताज
समय किसी भी तख़्त का,हुआ नहीं मुहताज
RAMESH SHARMA
कर्म
कर्म
Dr.Pratibha Prakash
प्रकृति की सुंदरता देख पाओगे
प्रकृति की सुंदरता देख पाओगे
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
सोचा था कि नववर्ष में
सोचा था कि नववर्ष में
gurudeenverma198
वक्त के सिरहाने पर .........
वक्त के सिरहाने पर .........
sushil sarna
आंसू भरी आंखें, सूखा गला, मुस्कुराहट विहीन चेहरा, जुबान पर ए
आंसू भरी आंखें, सूखा गला, मुस्कुराहट विहीन चेहरा, जुबान पर ए
पूर्वार्थ देव
Time decides our fate, our journey. And when time changes, e
Time decides our fate, our journey. And when time changes, e
पूर्वार्थ
..
..
*प्रणय प्रभात*
जबसे उनको रकीब माना है।
जबसे उनको रकीब माना है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
7. Roaming on the Sky
7. Roaming on the Sky
Santosh Khanna (world record holder)
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
भगवती पारीक 'मनु'
तूफ़ान की स्थिति
तूफ़ान की स्थिति
Otteri Selvakumar
सुप्रभात
सुप्रभात
navneetchaudhary7788
लड़कियां जिसका भविष्य बना होता है उन्हीं के साथ अपना रिश्ता
लड़कियां जिसका भविष्य बना होता है उन्हीं के साथ अपना रिश्ता
Rj Anand Prajapati
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
Rambali Mishra
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
बुला रहा है मुझे रोज़  आसमा से कौन
बुला रहा है मुझे रोज़ आसमा से कौन
Kanchan Gupta
अमीरों ने धन को कमाया भले है।
अमीरों ने धन को कमाया भले है।
Rj Anand Prajapati
Loading...