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24 Feb 2023 · 1 min read

आज हालत है कैसी ये संसार की।

गज़ल

212…..212……212……212
आज हालत है कैसी ये संसार की।
आपसी जंग है जीत औ’र हार की।

वक्त है, मत करो बात हथियार की।
मुस्कुराकर करो बात बस प्यार की।

क्यों अमादा हैं मिटने मिटाने को सब,
अब जरूरत है दुनियां को मनुहार की।

देश दुनियां में फूले फले दोस्ती,
भूमिका ऐसी हो टीवी अखबार की।

दिल जिगर जान है शौक से ले ले तू,
बोल कीमत है क्या तेरे दीदार की,

प्यार है कृष्ण मीरा व राधा सुनो,
दुश्मनी जंग बातें हैं बेकार की।

मैं हूॅं ‘प्रेमी’ मुहब्बत से नाता मेरा,
बात मैंने कभी की न तकरार की।

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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