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11 Feb 2024 · 1 min read

आज बाजार बन्द है

रौनक नहीं आज बाजार में।
फैली है अफवाह बाजार में।।
खुली है सिर्फ कुछ ही दुकानें।
बाकी है बन्द किसी बहाने।।
आज सभी का काम बंद है।
आज बाजार बंद है।।-(4)
रौनक नहीं आज——————-।।

बाजार है बन्द जिनके कहने से।
आते नहीं बाज वो लड़ने से।।
मरता है इसमें जो भी इंसान।
कौन है उसका आखिर भगवान।।
दिमाग़ों पे छाई जो धुंध है।
आज बाजार बन्द है।।-(4)
रौनक नहीं आज——————-।।

फौज बुलाई है अमन के लिए।
आखिर कौनसे दुश्मन के लिए।।
मरते हैं इसमें हर मजहब के।
रिश्तें हैं फिर किस मतलब के।।
गोदाम नहीं खाली अमीरों के।
जलते नहीं चूल्हे गरीबों के।।
इसमें खुश दिल सिर्फ चन्द है।
आज बाजार बन्द है।।- (4)
रौनक नहीं आज——————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
145 Views
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