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1 Apr 2020 · 1 min read

आज नहीं तो कल होना है

आज नहीं तो कल होना है
हर मुश्किल का हल होना है।
बुरी सोंच के रथ सवार तुम
तुमको तो पैदल होना है।

अभी तुम्हारे अच्छे दिन हैं
जो यूँ इतराते फिरते हो।
खोकर होश जोश में आकर
रोष भरी बातें करते हो।
ठोस नहीं आधार तुम्हारा
किले हवाई बना रहे हो।
राजनीति का सम्बल पाकर
सबको ताने सुना रहे हो।

झूंठी निष्ठा के प्रसार में
इतना भूल गए हो शायद,
झूँठ और सच के विवाद में
सच विजयी केवल होना है।

सहनशीलता अगर अपरिमित
कब तक जुल्म कहर ढाएगा।
प्रेम के सम्मुख अस्त्र घृणा का
कितनी देर ठहर पाएगा।
है इतिहास गवाह बिके दल
सिंहासन भी बिक जाता है।
एक व्यक्ति के ही मस्तक पर
राजमुकुट क्या टिक पाता है।

खिल सकते हैं नेह कमल दल
अहंकार यदि छोड़ो वरना,
तुम जिस दल का दम भरते हो
उस दल को दलदल होना है।

धरती सी छाती खोलो तो
चाहत के बादल बरसेंगे।
जो भी मसलेंगे फूलों को
खुशबू को पल पल तरसेंगे।
फल भुगतोगे ही करनी का
क्षमा न यदि माँगी भूलों की।
शूलों की फसलें बोयीं फिर
क्यों कामना फलों फूलों की।

पछतावे की अश्रुधार से
मैला मन धो लो रो रोकर,
रोकर नयन बने यदि पत्थर,
पत्थर- हृदय तरल होना है।।

संजय नारायण

Language: Hindi
Tag: गीत
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