Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2016 · 1 min read

आज के ही दिन

आज का दिन 16 जून 2013

दो वर्ष पहले आज ही के दिन
उस दिन सूरज नही निकला था मूसलाधार बारिश हो रही थी,
वहाँ ऊपर केदार नाथ में भारी तबाही मची थी.
किसे मालूम था कि हज़ारों लोग मौत के मूँह में चले जाएँगे.
आज भी कहीं ना कहीं कोई माँ अपने बच्चे का इंतजार कर रही है.
आज कहीं ना कहीं कोई बेटा अपने माँ बाप की प्रतीक्षा कर रहा है…
आज भी जब खबर सुनने को मिलती है की 36 नर कंकाल मिले है ..
अकेले केदारनाथ में….
लोगों की साँसे ही रुक जाती होंगी..यह सोच कर कि….
इनमें कही कोई मेरा अपना तो नही…
हे! केदार नाथ भगवान आख़िर यह विनाश लीला क्यो होने दी तुमने…
यह सब तुम्हारी आँखों के सामने होता रहा ,
और तुम देखते रहे…
कैसे भगवान हो तुम?
तुम तो शिवजी का रूप हो. फिर तुमने यह जहर निगल क्यों नही लिया?
तुम तो नील कंठ हो तुम तो विष भी पी जाते हो, तुमने अपने दोनों हाथ बढ़ा कर
ग्लेशियर का पानी क्यो नही अपने हाथों में लेलिया?
लोगों का विधि पूर्वक दाह संस्कार भी नही हो पाया,
आज भी तुम्हारे भक्त तुम्हारे दर्शन करने को लालायित है,
अब तो सबक लो
आगे विपत्ति में हिमालय बन कर अडिग खड़े रहोगे अपने भक्तों की रक्षा करोगे…

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 625 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Abha Saxena Doonwi
View all
You may also like:
दिल में गीत बजता है होंठ गुनगुनाते है
दिल में गीत बजता है होंठ गुनगुनाते है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
विजय कुमार अग्रवाल
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
दूर नज़र से होकर भी जो, रहता दिल के पास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
एहसास.....
एहसास.....
Harminder Kaur
फर्ज अपना-अपना
फर्ज अपना-अपना
Prabhudayal Raniwal
" मेरा वतन "
Dr Meenu Poonia
मत पूछो मेरा कारोबार क्या है,
मत पूछो मेरा कारोबार क्या है,
Vishal babu (vishu)
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
*Author प्रणय प्रभात*
पुराने सिक्के
पुराने सिक्के
Satish Srijan
'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔
'तिमिर पर ज्योति'🪔🪔
पंकज कुमार कर्ण
संस्कार जगाएँ
संस्कार जगाएँ
Anamika Singh
होते वो जो हमारे पास ,
होते वो जो हमारे पास ,
श्याम सिंह बिष्ट
हायकू
हायकू
Ajay Chakwate *अजेय*
"नए पुराने नाम"
Dr. Kishan tandon kranti
हमारी बस्ती की पहचान तथागत बुद्ध के नाम
हमारी बस्ती की पहचान तथागत बुद्ध के नाम
Anil Kumar
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
Paras Nath Jha
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
Krishna Kumar ANANT
हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है:—
हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है:—
पूर्वार्थ
*समता भरी कहानी (मुक्तक)*
*समता भरी कहानी (मुक्तक)*
Ravi Prakash
నా తెలుగు భాష..
నా తెలుగు భాష..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
नज़र का फ्लू
नज़र का फ्लू
आकाश महेशपुरी
बच्चों को भी भगवान का ही स्वरूप माना जाता है !
बच्चों को भी भगवान का ही स्वरूप माना जाता है !
पीयूष धामी
सियासत
सियासत
Anoop Kumar Mayank
कौन ?
कौन ?
साहिल
घर का ठूठ2
घर का ठूठ2
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Naushaba Suriya
जो चीजे शांत होती हैं
जो चीजे शांत होती हैं
ruby kumari
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
दुख है दर्द भी है मगर मरहम नहीं है
कवि दीपक बवेजा
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
गुरुवर तोरे‌ चरणों में,
Kanchan Khanna
Loading...