आजावो माँ घर,लौटकर तुम

(शेर)- भगवान से भी बड़ी, दुनिया में माँ होती है।
खुशनसीब है वो,जिनके साथ माँ होती है।।
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आजावो माँ घर, लौटकर तुम।
लगा लो गले हमको, लौटकर तुम।।
आजावो माँ घर——————।।
आती है याद तेरी, बचपन की लौरियाँ।
बचपन में चलना तेरी, पकड़कर अंगुलियाँ।।
छुपा लो माँ आँचल में, लौटकर तुम।
आजावो माँ घर——————–।।
हमारी खुशी के लिए, दुःख सहे तुमने।
रोने नहीं दिया हमको, आँसू पिये तुमने।।
दे दो शरण ममता की, लौटकर तुम।
आजावो माँ घर——————–।।
हो गए हम तो यतीम, तुम्हारे बिना।
नहीं कोई घर में रौनक, तुम्हारे बिना।
दे दो हमको आशीर्वाद, लौटकर तुम।
आजावो माँ घर——————–।।
सब कुछ ले लो हमसे, भगवान तुम।
छीनो मत माँ को हमसे,भगवान तुम।।
साथ ले चलो हमको भी,लौटकर तुम।
आजावो माँ घर———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)