Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2017 · 1 min read

आजाद हिंद फौज बनाकर , दुश्मन को ललकारा था

नेताजी जी सुभाष चंद्र बोस जयंती की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
****************************
आजाद हिंद फौज बनाकर , दुश्मन को ललकारा था
खून मुझे दो आजादी लो, दिया उन्होंने नारा था
उन वीर सुभाष चंद्र बोस को शत शत नमन हमारा है
उनके हि जय हिंद गान से, गूँज उठा जग सारा था

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all

You may also like these posts

फुलवा बन आंगन में महको,
फुलवा बन आंगन में महको,
Vindhya Prakash Mishra
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
Vijay kumar Pandey
हे भारत के हिन्दू सुन लो
हे भारत के हिन्दू सुन लो
गुमनाम 'बाबा'
हम अभी ज़िंदगी को
हम अभी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
प्रेमिका
प्रेमिका "श्रद्धा" जैसी प्रेरणा होनी चाहिए, जो ख़ुद का भी कैर
*प्रणय*
अर्ज़ है ... हर ज़ाम में डुबते है महफ़िल सजाने को , ये कह कर
अर्ज़ है ... हर ज़ाम में डुबते है महफ़िल सजाने को , ये कह कर
ज्योति
गीत- रचा तुमको दिया संसार...
गीत- रचा तुमको दिया संसार...
आर.एस. 'प्रीतम'
क्या ईसा भारत आये थे?
क्या ईसा भारत आये थे?
कवि रमेशराज
मेरी लिखावट
मेरी लिखावट
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कल जब होंगे दूर होकर विदा
कल जब होंगे दूर होकर विदा
gurudeenverma198
प्यारे मोहन
प्यारे मोहन
Vibha Jain
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
Bundeli Doha pratiyogita-149th -kujane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
खुदा तू भी
खुदा तू भी
Dr. Rajeev Jain
अतीत एक साथ
अतीत एक साथ
Kaviraag
जबसे तू गइलू नइहरवा (चइता)
जबसे तू गइलू नइहरवा (चइता)
आकाश महेशपुरी
"अक्सर"
Dr. Kishan tandon kranti
*झूठा ही सही...*
*झूठा ही सही...*
नेताम आर सी
3488.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3488.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
रूठना तो हमे भी आता हैं..लेकिन मनाने कहा कोई आता हैं..
रूठना तो हमे भी आता हैं..लेकिन मनाने कहा कोई आता हैं..
Swara Kumari arya
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
जागो अब तो जागो
जागो अब तो जागो
VINOD CHAUHAN
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
अंसार एटवी
तुम      चुप    रहो    तो  मैं  कुछ  बोलूँ
तुम चुप रहो तो मैं कुछ बोलूँ
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
// प्रसन्नता //
// प्रसन्नता //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
कृष्णकांत गुर्जर
बुझ दिल नसे काटते है ,बहादुर नही ,
बुझ दिल नसे काटते है ,बहादुर नही ,
Neelofar Khan
ये खामोशियाँ मुझको भाने लगीं हैं।
ये खामोशियाँ मुझको भाने लगीं हैं।
Manisha Manjari
चार दिन की ज़िंदगी
चार दिन की ज़िंदगी
कार्तिक नितिन शर्मा
“दोगलों की बस्ती”
“दोगलों की बस्ती”
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...