Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2016 · 1 min read

“आजादी चाहिए”

अब भी हमें आजादी चाहिए,
भ्रस्टाचार और बेईमानी से ।
कब हमको निजात मिलेगा,
इस आंतकवाद पाकिस्तानी से ।।

देश को अभी आजादी चाहिए,
आरक्षण की काली छाया से ।
इन नेताओ को मुक्ति चाहिए ,
काले धन की मोह माया से ।।

जरा दुरी हमें बनानी होगी ,
इस चीन देश अभिमानी से ।
अब भी हमें आजादी चाहिए,
भ्रस्टाचार और बेईमानी से ।

बहिष्कार हमे करना होगा,
इस चाइना के सामान का ।
बदला हमको लेना होगा ,
ऐन एस जी के अपमान का ।।

बहनो को आजादी चाहिए,
बदमाशो की मनमानी से ।
अब भी हमे आजादी चाहिए,
भ्रष्टाचार और बेईमानी से ।।

संस्कृति हमे बचानी होगी ,
पश्चिम की नंगी आंधी से ।
देश को अब छुटकारा चाहिए,
नेहरू जी और गांधी से ।।

अब सीख हमे लेनी होगी ,
सच्चे वीरों की कुर्बानी से ।
अब भी हमें आजादी चाहिए,
भ्रस्टाचार और बेईमानी से ।।।

रचनाकार :—- जगदीश गुलिया

Language: Hindi
1 Comment · 496 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jagdish Gulia
View all
You may also like:
मैं धरती पर नीर हूं निर्मल, जीवन मैं ही चलाता हूं
मैं धरती पर नीर हूं निर्मल, जीवन मैं ही चलाता हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*डंका बजता योग का, दुनिया हुई निहाल (कुंडलिया)*
*डंका बजता योग का, दुनिया हुई निहाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हर घर में।
हर घर में।
Taj Mohammad
मैं इनकार में हूं
मैं इनकार में हूं
शिव प्रताप लोधी
विद्याधन
विद्याधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
छंद में इनका ना हो, अभाव
छंद में इनका ना हो, अभाव
अरविन्द व्यास
कभी आधा पौन कभी पुरनम, नित नव रूप निखरता है
कभी आधा पौन कभी पुरनम, नित नव रूप निखरता है
हरवंश हृदय
जगत का जंजाल-संसृति
जगत का जंजाल-संसृति
Shivraj Anand
यूं ही नहीं इंजीनियर कहलाते हैं
यूं ही नहीं इंजीनियर कहलाते हैं
kumar Deepak "Mani"
उम्र हो गई छप्पन
उम्र हो गई छप्पन
Surinder blackpen
है कुछ पर कुछ बताया जा रहा है।।
है कुछ पर कुछ बताया जा रहा है।।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरी चुनरिया
मेरी चुनरिया
DESH RAJ
जलपरी
जलपरी
लक्ष्मी सिंह
मेरी दिव्य दीदी - एक श्रृद्धांजलि
मेरी दिव्य दीदी - एक श्रृद्धांजलि
Shyam Sundar Subramanian
यादें
यादें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
★संघर्ष जीवन का★
★संघर्ष जीवन का★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
■ सोचो, विचारो और फिर निष्कर्ष निकालो। हो सकता है अपनी मूर्ख
■ सोचो, विचारो और फिर निष्कर्ष निकालो। हो सकता है अपनी मूर्ख
*Author प्रणय प्रभात*
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
✍️जिंदगी के अस्ल✍️
✍️जिंदगी के अस्ल✍️
'अशांत' शेखर
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
दूर ...के सम्बंधों की बात ही हमलोग करना नहीं चाहते ......और
DrLakshman Jha Parimal
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
जिस तरह मनुष्य केवल आम के फल से संतुष्ट नहीं होता, टहनियां भ
Sanjay ' शून्य'
हमने हिंदी को खोया है!
हमने हिंदी को खोया है!
अशांजल यादव
अद्भूत व्यक्तित्व है “नारी”
अद्भूत व्यक्तित्व है “नारी”
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
राम वनवास
राम वनवास
Dhirendra Panchal
"कोढ़े की रोटी"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रतिभाशाली या गुणवान व्यक्ति से सम्पर्क
प्रतिभाशाली या गुणवान व्यक्ति से सम्पर्क
Paras Nath Jha
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पिता !
पिता !
Kuldeep mishra (KD)
मजदूर की बरसात
मजदूर की बरसात
goutam shaw
कौन किसके बिन अधूरा है
कौन किसके बिन अधूरा है
Ram Krishan Rastogi
Loading...