Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

आजादी का दीवाना था

था गजब फौलादी वह आजादी का परवाना था
आजाद रहा न झुका कभी आजादी का दीवाना था।

ब्राह्मण कुल में जन्मा पर वह वनवासी संग रहता था
उन मित्रों संग खेल खेल में धनुष चलाना सिखता था।

चंद्रशेखर था नाम उसका पहना बसंती चोला था
15 कोड़े खाकर उसने बिगुल अपना खोला था।

फिरंगियों को खदेड़ भगाना ही तो उसने ठाना था
अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेजों ने उसके लोहे को माना था।

जलियांवाला बाग देख कर उसने भृकुटी तानी थी
भारत को आजाद कराने की मन में अब ठानी थी।

लाला जी की हत्या का बदला ले गोरों को तोला था।
बिस्मिल के संग काकोरी कर क्रांति का मुख मोड़ा था।

वीरभद्र नामक देशद्रोही ने दिया बड़ा ही धोखा था
देकर आजाद की सूचना दिया गोरों को मौका था।

अल्फ्रेड पार्क में फिरंगियों ने आजाद को घेरा था
खूब लड़ा वह कितने ही गोरे मौत के घाट उतारा था।

अंत में गोली एक बची नहीं फिरंगियों के हाथ आना था
स्वयं चला गोली अपने हाथ वह वीरगति को पाया था।

आजाद रहा ना झुका कभी आजादी का दीवाना था।

– विष्णु प्रसाद ‘पाँचोटिया’

Language: Hindi
1 Like · 187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
झुकी नज़रों से महफिल में सदा दीदार करता है।
झुकी नज़रों से महफिल में सदा दीदार करता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मानसिक जड़ता
मानसिक जड़ता
Shekhar Chandra Mitra
मीठे बोल या मीठा जहर
मीठे बोल या मीठा जहर
विजय कुमार अग्रवाल
*रियासत रामपुर और राजा रामसिंह : कुछ प्रश्न*
*रियासत रामपुर और राजा रामसिंह : कुछ प्रश्न*
Ravi Prakash
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
Surinder blackpen
कोशिशें तो की तुम्हे भूल जाऊं।
कोशिशें तो की तुम्हे भूल जाऊं।
Taj Mohammad
Writing Challenge- सर्दी (Winter)
Writing Challenge- सर्दी (Winter)
Sahityapedia
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
सत्य कुमार प्रेमी
एक सख्सियत है दिल में जो वर्षों से बसी है
एक सख्सियत है दिल में जो वर्षों से बसी है
हरवंश हृदय
★बादल★
★बादल★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
Buddha Prakash
Gulab ke hasin khab bunne wali
Gulab ke hasin khab bunne wali
Sakshi Tripathi
ला-फ़ानी
ला-फ़ानी
Shyam Sundar Subramanian
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
नववर्ष 2023
नववर्ष 2023
Saraswati Bajpai
हाइकु: नवरात्रि पर्व!
हाइकु: नवरात्रि पर्व!
Prabhudayal Raniwal
उपहार
उपहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शब्द उनके बहुत नुकीले हैं
शब्द उनके बहुत नुकीले हैं
Dr Archana Gupta
डर एवं डगर
डर एवं डगर
Astuti Kumari
आवारा पंछी / लवकुश यादव
आवारा पंछी / लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र"
Dr Meenu Poonia
समझा होता अगर हमको
समझा होता अगर हमको
gurudeenverma198
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक शख्स
एक शख्स
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
तुम नादानं थे वक्त की,
तुम नादानं थे वक्त की,
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
इंसान होकर भी
इंसान होकर भी
Dr fauzia Naseem shad
#लघुकथा / #हिचकी
#लघुकथा / #हिचकी
*Author प्रणय प्रभात*
जागे हैं देर तक
जागे हैं देर तक
Sampada
इंतजार
इंतजार
Anamika Singh
Loading...