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23 Mar 2023 · 1 min read

आज़ादी का आगमन

फांसी के फंदे को मेहबूबा समझ चूमने को बेकरार
अध-टूटी खटिया को कर बादशाह का सिंहासन स्वीकार

जब वो मौत को गले लगाने निकला था
बस वही वक़्त था जब आज़ादी का फूल खिला था।

डॉ राजीव
चंडीगढ़।

Language: Hindi
54 Views
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