Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

आग लगा जो स्वार्थी, रहे रोटियां सेंक …: दोहे

समसामयिक दोहे:

गर्म खून को देखकर, रक्त हो गया गर्म.
आग बना जो दें हवा, वे कितने बेशर्म..

मारपीट अति क्रूरता, अच्छा नहीं जूनून.
न्याय व्यवस्था है अभी, कायम है क़ानून..

उसे कहें इंसान क्या? गाय रहा जो मार.
पशुओं के भी साथ हो, न्यायोचित व्यवहार..

सी० बी० आई० जांच के, अब आदेश प्रचंड.
जो भी दोषी हैं यहाँ, उन्हें मिलेगा दंड..

बसें जलाते क्यों यहाँ, हानि हुई अतिरेक.
राजनीति के स्वार्थ में, खोयें नहीं विवेक..

आग लगा जो स्वार्थी, रहे रोटियां सेंक.
उनको यही सलाह है, कार्य करें कुछ नेक..

गो हत्यारे थे सभी, दिखते जो मासूम.
रपट कह रही लैब की, गयी दादरी घूम..

राजनीति जो कर रहे, ओढ़े उजली खाल.
वही धुले हैं दूध के अंदर काला माल..

नफरत से हों दूरियां, दोहों का यह सार.
मित्र करें सत्कर्म ही, सदा मिलेगा प्यार..

सप्रेम…
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

Language: Hindi
518 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
मेरी आत्मा ईश्वर है
मेरी आत्मा ईश्वर है
Ms.Ankit Halke jha
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जियरा जरेला दिन-रैन
जियरा जरेला दिन-रैन
Shekhar Chandra Mitra
भाग दौड़ की जिंदगी में अवकाश नहीं है ,
भाग दौड़ की जिंदगी में अवकाश नहीं है ,
Seema gupta,Alwar
ऐसा करने से पहले
ऐसा करने से पहले
gurudeenverma198
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैथिली पेटपोसुआ के गोंधियागिरी?
मैथिली पेटपोसुआ के गोंधियागिरी?
Dr. Kishan Karigar
🙅ओनली पूछिंग🙅
🙅ओनली पूछिंग🙅
*Author प्रणय प्रभात*
जख्म भी रूठ गया है अबतो
जख्म भी रूठ गया है अबतो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ज़िंदगी इम्तिहान लेती रही
ज़िंदगी इम्तिहान लेती रही
Dr fauzia Naseem shad
जीवन-गीत
जीवन-गीत
Dr. Kishan tandon kranti
शहीद दिवस
शहीद दिवस
Ram Krishan Rastogi
सुबह सुहानी आपकी, बने शाम रंगीन।
सुबह सुहानी आपकी, बने शाम रंगीन।
आर.एस. 'प्रीतम'
फितरत
फितरत
Akshay patel
तेरी जान।
तेरी जान।
Taj Mohammad
धन
धन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🇮🇳🇮🇳*
🇮🇳🇮🇳*"तिरंगा झंडा"* 🇮🇳🇮🇳
Shashi kala vyas
लांगुरिया
लांगुरिया
Subhash Singhai
भाषाओं का ज्ञान भले ही न हो,
भाषाओं का ज्ञान भले ही न हो,
Vishal babu (vishu)
तेरी धरती का खा रहे हैं हम
तेरी धरती का खा रहे हैं हम
नूरफातिमा खातून नूरी
Freedom
Freedom
Aditya Prakash
🙏🙏
🙏🙏
Neelam Sharma
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर शख्स माहिर है.
हर शख्स माहिर है.
Radhakishan R. Mundhra
अग्रोहा ( कुंडलिया )
अग्रोहा ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
Kumar lalit
The Bridge
The Bridge
Buddha Prakash
शब्द
शब्द
ओंकार मिश्र
भूख
भूख
RAKESH RAKESH
राहों के कांटे हटाते ही रहें।
राहों के कांटे हटाते ही रहें।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...