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17 Nov 2022 · 1 min read

आग्रह

बस एक बार आ जाना तुम !
उधार रखी है..
सपनों की देह की छुअन!
चुका जाना ब्याज ..
लालसाओं का भी
चुपचाप !
छोड़ जाना मेरे पास ..
सुरसरि जैसा अपना मन !
उठा ले जाना विचारों के
श्याम मेघों से
प्रणय का प्रतीक्षारत चंद्रमा ।
मत लगा जाना…
मेरी आतुरताओं की
सलिला पर ….
कड़ुवें सत्यों का बाँध ।
कर जाना हल
एकाकी प्रतीक्षा का ..
साथ-साथ ..
सुनो !
बस एक बार आ जाना तुम!

रश्मि लहर

Language: Hindi
180 Views
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