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21 Sep 2016 · 1 min read

आंतकवाद पर राजनीति

बोहत होया इब बंद करनी होगी या वोटां की राजनीति।
लोग दिखावा हों सँ ये जो बिठाई जावैं सँ जाँच समिति।।

विपक्ष म्ह बैठ कै सारै करैं आड़े बात मरण मारण की।
सत्ता म्ह आते ऐ सारै नेता बात करैं सँ शांति धारण की।
जनता नै बी आदत होगी बस न्यू ऐ चीख पुकारण की।
कोय ना बात करता आड़े आंतकवाद के निवारण की।
सोशल मीडिया म्ह गावण लाग ज्यां सँ झूठी र गीति।।

शहीदों की शहादत का बदला लेवण की बात ना करते।
हमला होते ऐ कहवैं शांति वार्ता बंद मुलाकात ना करते।
कड़ी निंदा करैं पर दुश्मना गेल्यां ये दो दो हाथ ना करते।
इस आंतकवाद के मसीहा पाकिस्तान नै बर्बाद ना करते।
कहँ दें सँ के लड़ां पाकिस्तान गेल्यां हर जंग स जीती।।

आज ताहीं लड़ाई में इतने शहीद ना होये सँ जवान म्हारै।
जितने छल कपट तै इन आंतकवादियां नै जवान सँ मारै।
आंतकवादी हमले प रोवैं नेता आँसूं मगरमच्छी ये बहा रै।
दो दिन पाछै ऐ जा पाकिस्तान म्ह नेता दावत खूब खा रै।
आम जनता की समझ म्ह ना आवै नेताओं की कूटनीति।।

गुरु रणबीर सिंह का खून खौल रहा देख कै करतूत।
पाकिस्तान हरगिज ना मानै जब तलक ना लागैं जूत।
खुली छूट देनी चाहिए सेना ताहीं करके दिल मजबूत।
खुली छूट मिलते ऐ सेना कर देगी उसनै नेस्तनाबूत।
कह सुलक्षणा शहादत का बदला बुराई आछी ना या रीति।।

©® डॉ सुलक्षणा अहलावत

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