Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2024 · 1 min read

आंखो मे छुपे सपने

आंखो मे छुपे सपने
कुछ कुछ धूमिल से होने लगे है
दिल में दबी ख़्वाहिशे
थोड़े थोड़े उदास से होने से लगे है

पर हौसला है, हम उठेगे फिर से
एक दूसरे का हाथ थामे, छु लेंगे हर मक़ाम को।

1 Like · 87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नैतिक वचन
नैतिक वचन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
यदि धन है
यदि धन है
Sonam Puneet Dubey
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
खुद को भी
खुद को भी
Dr fauzia Naseem shad
यमराज का एकांतवास
यमराज का एकांतवास
Sudhir srivastava
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समर्पण
समर्पण
Neerja Sharma
जब किनारे दिखाई देते हैं !
जब किनारे दिखाई देते हैं !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की।
ओसमणी साहू 'ओश'
ज़माने से खफा एक इंसान
ज़माने से खफा एक इंसान
ओनिका सेतिया 'अनु '
धीरे-धीरे कदम बढ़ा
धीरे-धीरे कदम बढ़ा
Karuna Goswami
खबर नही है पल भर की
खबर नही है पल भर की
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ओ त्याग मुर्ति माँ होती है
ओ त्याग मुर्ति माँ होती है
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
गुमनाम
गुमनाम
Rambali Mishra
जिंदा रहना सीख लिया है
जिंदा रहना सीख लिया है
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
फिर आई स्कूल की यादें
फिर आई स्कूल की यादें
Arjun Bhaskar
वादे निभाने की हिम्मत नहीं है यहां हर किसी में,
वादे निभाने की हिम्मत नहीं है यहां हर किसी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समेट लिया है  मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
समेट लिया है मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
Neelofar Khan
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
वाणी   को    रसदार   बना।
वाणी को रसदार बना।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
लड़कियां शिक्षा के मामले में लडको से आगे निकल रही है क्योंकि
लड़कियां शिक्षा के मामले में लडको से आगे निकल रही है क्योंकि
Rj Anand Prajapati
🙅एक सलाह🙅
🙅एक सलाह🙅
*प्रणय*
चंचल मन
चंचल मन
उमेश बैरवा
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
माना दौलत है बलवान मगर, कीमत समय से ज्यादा नहीं होती
पूर्वार्थ
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
Harminder Kaur
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
वो शख्स अब मेरा नहीं रहा,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
*मूर्तिकार के अमूर्त भाव जब,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
मिडिल क्लास राजकुमार
मिडिल क्लास राजकुमार
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...