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1 Feb 2023 · 1 min read

आँसू

तन में जब पीड़ा हुई, मन में उठी पुकार।
आंखों की तुम राह से, बहने लगते यार।।

सुख हो या फिर दुःख हो, तुम न छोड़ते साथ।
मेरे नयनों में बसे, थाम रखा है हाथ।।

कितना देते साथ तुम, हर पल होते पास।
मेरे नयनों में बसे, तुम पर है विश्वास।।

आडंबर से दूर हो, पानी जैसा रूप।
बसते हो हर आंख में, निर्धन हो या भूप।।

जब होता मायूस हूं, अपने होते दूर।
फिर तुम नयनों से गिरे, बनकर धार जरूर।।

साया भी साथ न रहें, जब आती है रात।
तुम नयनों में हो बसे, सुनते मेरी बात।।

थोड़े से नमकीन हो,थोड़े नटखट मित्र।
रोते हँसते भी चले, कितने आप विचित्र।।

Language: Hindi
1 Like · 126 Views

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