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27 Jul 2016 · 1 min read

आँधियाँ

जब चराग़ों ने डरना छोड़ दिया.,
आँधियों का ग़ुरूर तोड़ दिया.!
जिसको तिनका समझ रहे थे लोग.,
रुख़ हवाओं का उसने मोड़ दिया..!!

((( ख़ुमार देहल्वी )))

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 595 Views
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