Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2024 · 1 min read

आँखों से रिसने लगे,

आँखों से रिसने लगे,
अन्तस के उद्गार ।
नैन व्योम के मध्य है,
मुक्त प्रीति शृंगार ।।
सुशील सरना / 10-7-24

49 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अनकहा दर्द (कविता)
अनकहा दर्द (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
"किस बात का गुमान"
Ekta chitrangini
चार दिनों की जिंदगी,
चार दिनों की जिंदगी,
sushil sarna
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
महज़ एक गुफ़्तगू से.,
Shubham Pandey (S P)
"जिन्दगी के सफर में"
Dr. Kishan tandon kranti
बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)
बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
अनुभूति
अनुभूति
Pratibha Pandey
प्राण दंडक छंद
प्राण दंडक छंद
Sushila joshi
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
रिश्ते नातों के बोझ को उठाए फिरता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
अब तलक तुमको
अब तलक तुमको
Dr fauzia Naseem shad
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Neeraj Agarwal
नारी कहने को देवी है, मगर सम्मान कहाँ है,
नारी कहने को देवी है, मगर सम्मान कहाँ है,
पूर्वार्थ
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
कर्म-बीज
कर्म-बीज
Ramswaroop Dinkar
" मैं तो लिखता जाऊँगा "
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
Shweta Soni
विनती
विनती
Kanchan Khanna
गुज़ारिश आसमां से है
गुज़ारिश आसमां से है
Sangeeta Beniwal
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
Madhuyanka Raj
🙅दूसरा फलू🙅
🙅दूसरा फलू🙅
*प्रणय*
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
आप लाख प्रयास कर लें। अपने प्रति किसी के ह्रदय में बलात् प्र
इशरत हिदायत ख़ान
संवेदना की आस
संवेदना की आस
Ritu Asooja
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
3165.*पूर्णिका*
3165.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन  बंजारा  लौट  चला  है, देखी  दुनियादारी।
मन बंजारा लौट चला है, देखी दुनियादारी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जीवन सरल चाहते हो तो
जीवन सरल चाहते हो तो
करन ''केसरा''
Loading...