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26 Jul 2016 · 1 min read

आँखों में

ख़्वाब तेरा करता है वो जादू आँखों में
भर उठती है ख्वाब की हर ख़ुशबू आँखों में

क़त्ल बताओ कैसे फिर मेरा न होता
रक्खे थे उसने लम्बे चाकू आँखों में

मचल मचल जाती हैं ये दीदार को तेरे
अब हमको भी रहा नहीं काबू आँखों में

दर्द कोई जब दिल को मेरे छेड़े आकर
ज़ोर से हंसते हैं मेरे आंसू आँखों में

ऐ नदीश जिसपे भी किया भरोसा तूने
चला गया है झोंक के वो बालू आँखों में

© लोकेश नदीश

1 Comment · 394 Views
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