आँखें और मोबाइल (कुंडलिया)*

आँखें और मोबाइल (कुंडलिया)*
सबकी आँखें खा रहीं ,मोबाइल से मात
लाइक और कमेंट से ,होती दिन-भर बात
होती दिन-भर बात ,वीडियो सौ-सौ चलते
आँखें दो से डेढ़ , हो गईं ढलते – ढलते
कहते रवि कविराय ,गई है सेहत कब की
सूखी – सूखी आँख ,दीखती रोगी सबकी
*रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश)*
*मोबाइल 99976 15451*