Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

असली नकली

कागज के फूल हो या प्राकृतिक
फूल तो फूल ही है असली नकली का
अन्तर्मन अंतर बताते।।
रंग बिरंगे कागज के फूल काँटे नही फिर भी शूल गमक नही ना ही खिलते
मुस्कुराते छल जाते।।
रस हीन प्रकृति प्राणि का ज्ञान नहीं
आकर्षण युग मन में भाव जगाते
कागज के फूल वन्डरफुल वास्तव
वास्तविकता से दूर ले जाते।।
कागज की नाव कल्पना
कोई रंग नही कोई सुगंध नही
छल छद्म के किसी रंग में रंग जाते
मोल नही कोई फिर भी दुनियां का
मोल बताते।।
भौतिकवादी युग नकली चाल चरित्र चेहरे कागज के फूल जैसे निहित स्वार्थ में जाने क्या क्या कर जाते।।
बदल गया है युग कितना असली नकली की पहचान नही नकली ही
कागज के फूल जैसे असली बन जाते।।
कागज के फूल आचरण संस्कृति सांस्कार का परिहास नकली युग के संसय का सत्य सत्यार्थ बताते।।
प्रकृति प्राणि के फूल रात कली
प्रभात के फूल जीवन के मौलिक
नैतिक मोल बताते ।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all

You may also like these posts

सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सबकी सलाह है यही मुॅंह बंद रखो तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
सावन आया
सावन आया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ताउम्र जलता रहा मैं तिरे वफ़ाओं के चराग़ में,
ताउम्र जलता रहा मैं तिरे वफ़ाओं के चराग़ में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लक्ष्य गर समक्ष है तो
लक्ष्य गर समक्ष है तो
अर्चना मुकेश मेहता
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
*माँ दुर्गा का प्रथम स्वरूप - शैलपुत्री*
Shashi kala vyas
सागर ने भी नदी को बुलाया
सागर ने भी नदी को बुलाया
Anil Mishra Prahari
जीवन सुंदर गात
जीवन सुंदर गात
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह)
दिल तक रखते
दिल तक रखते
Dr fauzia Naseem shad
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आदमखोर
आदमखोर
*प्रणय*
दिल
दिल
Dr Archana Gupta
अगर कोई लक्ष्य पाना चाहते हो तो
अगर कोई लक्ष्य पाना चाहते हो तो
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हनुमान अष्टक
हनुमान अष्टक
Rajesh Kumar Kaurav
लड़ो लड़ाई दीन की
लड़ो लड़ाई दीन की
विनोद सिल्ला
ग्रहों की चाल
ग्रहों की चाल
प्रदीप कुमार गुप्ता
3827.💐 *पूर्णिका* 💐
3827.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
पद्धरि छंद ,अरिल्ल छंद , अड़िल्ल छंद विधान व उदाहरण
Subhash Singhai
क्युँ हरबार ये होता है ,
क्युँ हरबार ये होता है ,
Manisha Wandhare
शीर्षक- *मजदूर*
शीर्षक- *मजदूर*
Harminder Kaur
स्नेह का बंधन
स्नेह का बंधन
Dr.Priya Soni Khare
आओ कुंज बिहारी भजन अरविंद भारद्वाज
आओ कुंज बिहारी भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
*कुछ गुणा है कुछ घटाना, और थोड़ा जोड़ है (हिंदी गजल/ग
Ravi Prakash
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बेटियां
बेटियां
करन ''केसरा''
कई खयालों में...!
कई खयालों में...!
singh kunwar sarvendra vikram
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
आ गए हम तो बिना बुलाये तुम्हारे घर
gurudeenverma198
“मधुरबोल”
“मधुरबोल”
DrLakshman Jha Parimal
क्यों उसको, निहारना छोड़े l
क्यों उसको, निहारना छोड़े l
अरविन्द व्यास
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
Loading...