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14 May 2023 · 1 min read

अश्लील साहित्य

हां मैं इक तरफ खड़ा हूं, दिल में कोई कश्मकश नहीं है।
फैसला ये होशोहवास से है, ये बेगैरत या बेबस नही है।।
कला के नामपर पैसों के खातिर, अश्लीलता बेचते है जो।
ये गुनहगार है हम सबके, आबरू देश की बेचते है जो।।

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 191 Views
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