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23 Apr 2020 · 1 min read

अश्रुपूरित श्रद्धाजंलि

16 अप्रैल 2020 महाराष्ट्र प्रान्त के पालघर में दो साधुओं की निर्मम हत्या किए जाने पर विरोध हेतु मेरी एक कविता

इस पालघर की घटना से,
संतों का ह्रदय बिलखता है।
आक्रोश भरी इन आँखों में,
एक ज्वालामुखी सुलगता ही।।1।।

संतों की निर्मम हत्या का,
अपराधी वह कौन है।
सारी दुनिया देख तमाशा,
न्याय पद्धति मौन है।।2।।

करुणा की बलिवेदी पर,
जब संत चढ़ाए जाएंगे।
कायरता रूपी अनुशासन के,
जब मान बढ़ाए जाएंगे।।3।।

ये अंत नहीं था संतों का,
ये मर्यादा का मौन था।
जिस कायर ने इन्हें छला,
वो हत्यारा कौन था।।4।।

ईश्वर तेरे कलयुग में,
कायरता बनी महान है।
नीच अधर्मी पापाचारी,
बस इनका ही गुणगान है।।5।।

सत्य पराजित न हो सकता,
न कभी वो हारा जाता है
पाप कर्म का इस धरती पर
दंड अवश्य ही पाता है।।6।।

स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार

Language: Hindi
Tag: कविता
1 Comment · 205 Views
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