Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2016 · 1 min read

अश्को का अक्स नजर आया है

अक्सर खुद को खुद से फरेब करते पाया है
दिल मे कुछ जुबॉ को कुछ और कहते पाया है

ओस की बूंदो को जो देखा जी भर के
तो खुद के अश्को का ही अक्स नजर आया है

बह गए कितने किस्से उन अश्को की गली मे
हर किस्से मे तेरा वजूद नजर आया है

बारिश की बूंदे कह गई कुछ किस्से नूरानी
भीगे बिस्तर पर किस्सा तेरा ही नजर आया है

टूटते सितारे से कुछ भी मॉगू कैसे
खुद के सितारों को बेवजह टूटते हुए पाया है

Language: Hindi
337 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from NIRA Rani
View all
You may also like:
माँ के लिए बेटियां
माँ के लिए बेटियां
लक्ष्मी सिंह
मेरा एक मित्र मेरा 1980 रुपया दो साल से दे नहीं रहा था, आज स
मेरा एक मित्र मेरा 1980 रुपया दो साल से दे नहीं रहा था, आज स
Anand Kumar
राम नाम
राम नाम
पंकज प्रियम
💐भगवत्कृपा सर्वेषु सम्यक् रूपेण वर्षति💐
💐भगवत्कृपा सर्वेषु सम्यक् रूपेण वर्षति💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गर्द चेहरे से अपने हटा लीजिए
गर्द चेहरे से अपने हटा लीजिए
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
बम बम भोले
बम बम भोले
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
भगवा हटा बिहार में, चढ़ गया हरा रंग
भगवा हटा बिहार में, चढ़ गया हरा रंग
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गीतांश....
गीतांश....
Yogini kajol Pathak
2563.पूर्णिका
2563.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गुरु की महिमा पर कुछ दोहे
गुरु की महिमा पर कुछ दोहे
Ram Krishan Rastogi
अदीब लगता नही है कोई।
अदीब लगता नही है कोई।
Taj Mohammad
मारे --मारे फिरते फोटो ( हास्य-व्यंग्य )
मारे --मारे फिरते फोटो ( हास्य-व्यंग्य )
Ravi Prakash
उसने कहा था
उसने कहा था
अंजनीत निज्जर
"किसी की नज़र ना लगे"
Dr. Kishan tandon kranti
तब तात तेरा कहलाऊँगा
तब तात तेरा कहलाऊँगा
Akash Yadav
जय जय हिन्दी
जय जय हिन्दी
gurudeenverma198
नववर्ष
नववर्ष
Vijay kumar Pandey
"रावण की पुकार"
rubichetanshukla रुबी चेतन शुक्ला
Daily Writing Challenge : New Beginning
Daily Writing Challenge : New Beginning
Mukesh Kumar Badgaiyan,
जिसे ये पता ही नहीं क्या मोहब्बत
जिसे ये पता ही नहीं क्या मोहब्बत
Ranjana Verma
बसंत ऋतु
बसंत ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सैदखन यी मन उदास रहैय...
सैदखन यी मन उदास रहैय...
Ram Babu Mandal
"द्रोह और विद्रोह"
*Author प्रणय प्रभात*
सुलगते एहसास
सुलगते एहसास
Surinder blackpen
हम हैं गुलाम ए मुस्तफा दुनिया फिजूल है।
हम हैं गुलाम ए मुस्तफा दुनिया फिजूल है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
उर्वशी की ‘मी टू’
उर्वशी की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मानसिकता का प्रभाव
मानसिकता का प्रभाव
Anil chobisa
क्या विरासत में हिस्सा मिलता है
क्या विरासत में हिस्सा मिलता है
Dr fauzia Naseem shad
Loading...