Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

अलविदा कहने से पहले

दुनिया से विदा होने से पहले
अलविदा कहने से पहले
जो कुछ करना है सो करले
जो भी कहना है सो कहले
क्या पाप क्या पुण्य किया
क्या लिया धरा से तुमने
और धरा को क्या दिया
क्या समाज से मिला तुम्हें
और समाज को क्या दिया
कब आ जाएं अंतिम घड़ियां
कब सांसों की हों आख़री लड़ियां
हाथ पैर निष्क्रिय हो जाएं
और होंठों पर शब्द न आएं
जो भी कहना है करना है
अपना काम समय पर करले
दुनिया को अलविदा कहने से पहले
कुछ सांसें अंतस में ले ले
अलविदा कहने से पहले

Language: Hindi
215 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
🥀✍*अज्ञानी की*🥀
🥀✍*अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
पूजा
पूजा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
👌चोंचलेबाजी-।
👌चोंचलेबाजी-।
*प्रणय*
बारिश
बारिश
Punam Pande
यायावर
यायावर
Satish Srijan
" मिजाज "
Dr. Kishan tandon kranti
3173.*पूर्णिका*
3173.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डायरी मे लिखे शब्द निखर जाते हैं,
डायरी मे लिखे शब्द निखर जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
संपूर्ण राममय हुआ देश मन हर्षित भाव विभोर हुआ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
सूर्य देव की अरुणिम आभा से दिव्य आलोकित है!
Bodhisatva kastooriya
बख़ूबी समझ रहा हूॅं मैं तेरे जज़्बातों को!
बख़ूबी समझ रहा हूॅं मैं तेरे जज़्बातों को!
Ajit Kumar "Karn"
चुनाव चालीसा
चुनाव चालीसा
विजय कुमार अग्रवाल
निरोगी काया
निरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सरसी
सरसी
Dr.VINEETH M.C
कपितय देवतुल्य महामहीम  लोगो ने 'जाहिल'  मुझे नाम दे रखा है।
कपितय देवतुल्य महामहीम लोगो ने 'जाहिल' मुझे नाम दे रखा है।
Ashwini sharma
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
Phool gufran
बहुत फर्क  पड़ता  है यूँ जीने में।
बहुत फर्क पड़ता है यूँ जीने में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जीवन को नया
जीवन को नया
भरत कुमार सोलंकी
*माँ सरस्वती जी*
*माँ सरस्वती जी*
Rituraj shivem verma
जल संरक्षण बहुमूल्य
जल संरक्षण बहुमूल्य
Buddha Prakash
हमारे दुश्मन सारे
हमारे दुश्मन सारे
Sonam Puneet Dubey
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
Ravi Prakash
16)”अनेक रूप माँ स्वरूप”
16)”अनेक रूप माँ स्वरूप”
Sapna Arora
कुछ बातों का ना होना अच्छा,
कुछ बातों का ना होना अच्छा,
Ragini Kumari
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
पढो वरना अनपढ कहलाओगे
Vindhya Prakash Mishra
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
किसने कहा, आसान था हमारे 'हम' से 'तेरा' और 'मेरा' हो जाना
Manisha Manjari
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
आर.एस. 'प्रीतम'
लेखक
लेखक
Shweta Soni
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...