Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2022 · 1 min read

*अरुण (कुंडलिया)*

*अरुण (कुंडलिया)*
______________
आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण
हर्ष- मग्न होने लगे , पक्षी पौधे पर्ण
पक्षी पौधे पर्ण , लालिमा नभ में छाई
तरुणाई से दीप्त , मनुज ने ली अँगड़ाई
कहते रवि कविराय ,दृश्य अद्भुत कहलाया
उतर स्वर्ग से रूप ,धरा पर मानो आया
—————————-
*रचयिता : रवि प्रकाश ,* बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
*अरुण =* गहरा लाल रंग का , प्रातः कालीन सूर्य
*पर्ण =* पेड़ का पत्ता

40 Views

Books from Ravi Prakash

You may also like:
मन की दुनिया अजब निराली
मन की दुनिया अजब निराली
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ आज का प्रहार
■ आज का प्रहार
*Author प्रणय प्रभात*
Kbhi asman me sajti bundo ko , barish kar jate ho
Kbhi asman me sajti bundo ko , barish kar jate ho
Sakshi Tripathi
सकठ गणेश चतुर्थी
सकठ गणेश चतुर्थी
Satish Srijan
दिला दअ हो अजदिया
दिला दअ हो अजदिया
Shekhar Chandra Mitra
दुनिया भी तो पुल-e सरात है
दुनिया भी तो पुल-e सरात है
shabina. Naaz
ये धोखेबाज लोग
ये धोखेबाज लोग
gurudeenverma198
वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत
Shashi kala vyas
हम दो अंजाने
हम दो अंजाने
Kavita Chouhan
आँसू
आँसू
जगदीश लववंशी
जख्मों को हवा देते हैं।
जख्मों को हवा देते हैं।
Taj Mohammad
ग़ज़ल -
ग़ज़ल -
Mahendra Narayan
#हाइकू ( #लोकमैथिली )
#हाइकू ( #लोकमैथिली )
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"धन वालों मान यहाँ"
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
मत बनो उल्लू
मत बनो उल्लू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मै भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मै भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
हादसें पूंछ कर न आएंगे
हादसें पूंछ कर न आएंगे
Dr fauzia Naseem shad
समय पर संकल्प करना...
समय पर संकल्प करना...
Manoj Kushwaha PS
माँ सच्ची संवेदना....
माँ सच्ची संवेदना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
फ़साना-ए-उल्फ़त सुनाते सुनाते
फ़साना-ए-उल्फ़त सुनाते सुनाते
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*गिरिधर कविराय सम्मान*
*गिरिधर कविराय सम्मान*
Ravi Prakash
🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻
🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻
Vijay kannauje
अरे! पतझड़ बहार संदेश ले आई, बसंत मुसुकाई।
अरे! पतझड़ बहार संदेश ले आई, बसंत मुसुकाई।
राकेश चौरसिया
आदि शक्ति माँ
आदि शक्ति माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
💐प्रेम कौतुक-322💐
💐प्रेम कौतुक-322💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
तरक़्क़ी देखकर फुले नहीं समा रहे थे ….
Piyush Goel
निर्बल होती रिश्तो की डोर
निर्बल होती रिश्तो की डोर
Sandeep Pande
हाथ मलना चाहिए था gazal by Vinit Singh Shayar
हाथ मलना चाहिए था gazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
भक्त गोरा कुम्हार
भक्त गोरा कुम्हार
Pravesh Shinde
दिल की हसरत नहीं कि अब वो मेरी हो जाए
दिल की हसरत नहीं कि अब वो मेरी हो जाए
शिव प्रताप लोधी
Loading...