Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2022 · 1 min read

अरदास

तुम्ही हो मालिक,
तुम्ही खुदा हो,
तुम्ही इस जगत के,
जगत पिता हो।

तुम्ही हो अम्बर,
तुम्ही धरा हो,
तुम्ही जीवन के,
मात-पिता हो।

तुम्ही हो दाता,
तुम्ही ईश्वर हो,
तुम्ही ह्रदय के
अध्यात्म देवता हो ।

तुम्ही हो संत,
कबीर पंत तुम्हीं हो,
तुम्ही निराकार,
साकार भी तुम्ही हो ।

तुम्ही गुरु हो,
ज्ञान भी तुम्ही हो,
करें वंदन तुम्हारी,
मेरी पहचान तुम्ही हो।

हे भगवान ! कृपा तुम्हारी,
बनी रहे सदा साथ हमारे,
शीश झुकाऊंँ हाथ जोड़ कर,
इतनी है अरदास हमारी।

रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर ।

7 Likes · 4 Comments · 614 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
तू है एक कविता जैसी
तू है एक कविता जैसी
Amit Pathak
” DRAGON HAS NO RIGHT TO SWALLOW SOUTH CHINA SEA “
” DRAGON HAS NO RIGHT TO SWALLOW SOUTH CHINA SEA “
DrLakshman Jha Parimal
■ कटाक्ष / ढोंगी कहीं के...!
■ कटाक्ष / ढोंगी कहीं के...!
*Author प्रणय प्रभात*
नहीं आया कोई काम मेरे
नहीं आया कोई काम मेरे
gurudeenverma198
मेरे दिल को
मेरे दिल को
Shivkumar Bilagrami
कोई इंसान अगर चेहरे से खूबसूरत है
कोई इंसान अगर चेहरे से खूबसूरत है
ruby kumari
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
आजकल बहुत से लोग ऐसे भी है
Dr.Rashmi Mishra
यह कैसी खामोशी है
यह कैसी खामोशी है
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
Param Himalaya
Param Himalaya
Param Himalaya
तूफानों से लड़ना सीखो
तूफानों से लड़ना सीखो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
डियर जिंदगी ❤️
डियर जिंदगी ❤️
Sahil Shukla
Kbhi asman me sajti bundo ko , barish kar jate ho
Kbhi asman me sajti bundo ko , barish kar jate ho
Sakshi Tripathi
कुटुंब के नसीब
कुटुंब के नसीब
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
समलैंगिकता-एक मनोविकार
समलैंगिकता-एक मनोविकार
मनोज कर्ण
तब तात तेरा कहलाऊँगा
तब तात तेरा कहलाऊँगा
Akash Yadav
प्रेम की पुकार
प्रेम की पुकार
Shekhar Chandra Mitra
चंद्रयान 3 ‘आओ मिलकर जश्न मनाएं’
चंद्रयान 3 ‘आओ मिलकर जश्न मनाएं’
Author Dr. Neeru Mohan
💐प्रेम कौतुक-337💐
💐प्रेम कौतुक-337💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ख्वाहिशों के कारवां में
ख्वाहिशों के कारवां में
Satish Srijan
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम सुधा
प्रेम सुधा
लक्ष्मी सिंह
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
सावन आया
सावन आया
Neeraj Agarwal
'अकेलापन'
'अकेलापन'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
नींदों से कह दिया है
नींदों से कह दिया है
Dr fauzia Naseem shad
★ हिन्दू हूं मैं हिन्दी से ही मेरी पहचान है। ★
★ हिन्दू हूं मैं हिन्दी से ही मेरी पहचान है। ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
कवि दीपक बवेजा
2446.पूर्णिका
2446.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मैं तो महज पहचान हूँ
मैं तो महज पहचान हूँ
VINOD KUMAR CHAUHAN
कहने को सभी कहते_
कहने को सभी कहते_
Rajesh vyas
Loading...