Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2022 · 1 min read

अम्मा जी

सूप फटकते समय
ऑंचल का कोना सॅंभालती-सी
अपने में मगन, कुछ गुनगुनाती-सी
पसीने की बूंदों से
अनुभव सॅंवारती-सी
तन्मयता से गेहूं के
एक एक दाने को पुचकारती-सी
अम्मा!
बन जाती थीं प्रेरणा
अनेक संबंधों की..
जब हुलस कर दुलार लेती थीं
सरसों की लहलहाती बालियों को
तो तृप्त हो जाता था सरसों का हर दाना
गा पड़ती थीं रचे भाव से सावन में वो कजरी
अक्सर रंग जमा देती थी उनके कर्मठ हाथों की मेंहदी
तत्परता से चमका देती थीं
पीपे का हर कोना
नहीं भूलती थीं गमलों में वो तुलसी भी बोना
बिना थके भर देती थीं
घर का ऑंगन हरे नमक की सुगंध से
अनगिन रिश्ते जुड़ जाते थे
कलछी-कढ़ाई , पीढ़ा-बेलन के छंद से
मनुहारती-संभालती बैठा लेती थीं
गृहस्थी के हर रूप से तारतम्य
जुटी रहती थीं बढ़ाने में हौसला
करती जाती थीं हम सबका पथ सुगम
स्वाभिमान की रक्षक, शालीनता की मूर्ति थीं
अम्मा परिवार की बढ़ाती यश कीर्ति थीं
गोबर से लीपे उस सकारात्मक घर की
आत्मा थीं अम्मा!
इंसानियत की ज्योति
रिश्तों का जप-तप और साधना थीं अम्मा!

रश्मि लहर

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 2 Comments · 231 Views
You may also like:
आदमी आदमी से डरने लगा है
आदमी आदमी से डरने लगा है
VINOD KUMAR CHAUHAN
बैठ पास तू पहलू में मेरे।
बैठ पास तू पहलू में मेरे।
Taj Mohammad
एक झूठा और ब्रह्म सत्य
एक झूठा और ब्रह्म सत्य
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
जहांँ कुछ भी नहीं दिखता ..!
जहांँ कुछ भी नहीं दिखता ..!
Ranjana Verma
■ ग़ज़ल / बदनाम हो गया.....!
■ ग़ज़ल / बदनाम हो गया.....!
*Author प्रणय प्रभात*
"रंग भरी शाम"
Dr. Kishan tandon kranti
पिता !
पिता !
Kuldeep mishra (KD)
कुरुक्षेत्र
कुरुक्षेत्र
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
क्या है नारी?
क्या है नारी?
Manu Vashistha
✍️बुराई करते है ✍️
✍️बुराई करते है ✍️
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया,
ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया,
अनूप अम्बर
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
दो💔 लफ्जों की💞 स्टोरी
Ankit Halke jha
बो रही हूं खाब
बो रही हूं खाब
Surinder blackpen
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
कवि दीपक बवेजा
सामाजिक न्याय के प्रश्न पर
सामाजिक न्याय के प्रश्न पर
Shekhar Chandra Mitra
बेटी
बेटी
Kanchan sarda Malu
वो प्रकाश बन कर आई जिंदगी में
वो प्रकाश बन कर आई जिंदगी में
J_Kay Chhonkar
बचे हैं जो अरमां तुम्हारे दिल में
बचे हैं जो अरमां तुम्हारे दिल में
Ram Krishan Rastogi
जीवन के मोड़
जीवन के मोड़
Ravi Prakash
बसंत ऋतु
बसंत ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
“BETRAYAL, CHEATING AND PERSONAL ATTACK ARE NOT THE MISTAKES TO FORGIVE”
“BETRAYAL, CHEATING AND PERSONAL ATTACK ARE NOT THE MISTAKES TO...
DrLakshman Jha Parimal
इश्किया होली
इश्किया होली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
नित नए संघर्ष करो (मजदूर दिवस)
नित नए संघर्ष करो (मजदूर दिवस)
श्री रमण 'श्रीपद्'
कता
कता
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इधर उधर न देख तू
इधर उधर न देख तू
Shivkumar Bilagrami
चिलचिलती धूप
चिलचिलती धूप
Nishant prakhar
💐अज्ञात के प्रति-87💐
💐अज्ञात के प्रति-87💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं चाँद पर गया
मैं चाँद पर गया
Satish Srijan
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
'बुद्ध' ने दिया आम्रपाली को ज्ञान ।
Buddha Prakash
कल्पना एवं कल्पनाशीलता
कल्पना एवं कल्पनाशीलता
Shyam Sundar Subramanian
Loading...