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10 Aug 2022 · 1 min read

“ अमिट संदेश ”

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”

===================

चलो कोई गीत गा लें ,

कोई हम धुन बना लें ,

संगीत की महफ़िल में ,

अपना जलवा दिखा दें !!

कविता बने सुंदर बने ,

अंदाज़ उसके हो नए ,

ताजगी उसकी नई हो ,

लोग उसको फिर सुने !!

लंबी ना हो छोटी बने ,

बात लेकिन ठोस हो ,

जो कहें वो हो सहज ,

उसमें कभी न रोष हो !!

सत्यम, शिवम, सुंदरम ,

गीत में अनिवार्य है ,

शालीनता, मधुर्यता, प्रेम ,

लेखनी का शृंगार है !!

कविता, लेखनी, गीत ,

पुराने सदा हो जाते हैं ,

उसके संदेशों की खुसबू ,

शायद ही मिट पाते हैं !!

=================

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”

साउंड हेल्थ क्लिनिक

डॉक्टर’स लेन

दुमका

झारखण्ड

भारत

10.08.2022.

Language: Hindi
Tag: कविता
79 Views
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