अमर रहे गौरव सेना का
अमर रहे गौरव सेना का
नित सम्मान बढ़ाती जाए ।
गर्व से शीश उठा सकें हम
विजय ध्वज फहराती जाए ।
जाकर दुश्मन की धरती पर
नाकों चने चबाती जाए ।
अमर रहे गौरव सेना का
नित सम्मान बढ़ाती जाए ।
निर्दोषों को जिसने मारा
बदला उससे लेकर माने ,
जनमानस रहा साथ तुम्हारे
हार न तुम बिलकुल माने ।
पिछला हिसाब चुकाने का
अवसर है अब पाए तुम,
छूट न जाए अरि हाथों से
अब ऐसी चालें चलते तुम ।
देश की माटी के कण कण से
आवाज़ यही एक अब आए,
जिसने घायल किया घाटी को
घाव उसके भी सूख न पाए ।
अमर रहे गौरव सेना का
नित सम्मान बढ़ाती जाए ।
डॉ रीता
29/09/2016
आया नगर,नई दिल्ली- 47