Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2016 · 1 min read

अभी हँसो न मेरी जान राव ज़िंदा है

जो घाव तुुम्ने दिया था वो घाव ज़िंदा है
अभी हँसो न मेरी जान राव ज़िंदा है

तुम्हारी दिल से वही खेलने की आदत है
हमारा अपना वही रख रखाव ज़िंदा है

अभी ना सोच मेरी हार तेरी जीत हुई
अभी तो खेल में अंतिम पडाव ज़िंदा है

डरे डरे हुऐ सहमे हुऐ अंधेरे हैं
चिराग़ बुझ तो रहा है दबाव ज़िंदा है

हमे यक़ीन है ‘नासिर’ नहीं भटक सकते
अभी ग़ज़ल से हमारा लगाव ज़िंदा है

– नासिर राव

5 Comments · 433 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वर्ल्ड रिकॉर्ड 2
वर्ल्ड रिकॉर्ड 2
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों  का गगन था.....
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों का गगन था.....
दीपक झा रुद्रा
तुम हमेशा से  मेरा आईना हो॥
तुम हमेशा से मेरा आईना हो॥
अमित
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
Umender kumar
याद रखना...
याद रखना...
पूर्वार्थ
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
बुंदेली दोहा गरे गौ (भाग-2)
बुंदेली दोहा गरे गौ (भाग-2)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
आपने खो दिया अगर खुद को
आपने खो दिया अगर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
#हमारे_सरोकार
#हमारे_सरोकार
*प्रणय प्रभात*
"पता"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल कविता: तितली
बाल कविता: तितली
Rajesh Kumar Arjun
त्रिपुण्ड सममात्रिक दंडक
त्रिपुण्ड सममात्रिक दंडक
Sushila joshi
3856.💐 *पूर्णिका* 💐
3856.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं ....
मैं ....
sushil sarna
नैतिक मूल्यों को बचाए अब कौन
नैतिक मूल्यों को बचाए अब कौन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आओ लौट चले 2.0
आओ लौट चले 2.0
Dr. Mahesh Kumawat
दिल टूटने के बाद
दिल टूटने के बाद
Surinder blackpen
आग कहीं और लगी है
आग कहीं और लगी है
Sonam Puneet Dubey
मानवता
मानवता
विजय कुमार अग्रवाल
22, *इन्सान बदल रहा*
22, *इन्सान बदल रहा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
करन ''केसरा''
*चाहत  का  जादू छाया है*
*चाहत का जादू छाया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"मेरी जिम्मेदारी "
Pushpraj Anant
धर्म जब पैदा हुआ था
धर्म जब पैदा हुआ था
शेखर सिंह
सबसे कठिन है
सबसे कठिन है
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मैं पुरखों के घर आया था
मैं पुरखों के घर आया था
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Loading...