Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2023 · 1 min read

अब हो ना हो

सारी ऋतुएं अकेले काट लीं।
किसी के साथ इन्हें देखने का मन,
शायद अब हो ना हो।

तू तो ज़रिया थी बस,
मेरी मोहब्बत को मुझसे जोड़ती हुई।
अब तो खुद से ही आशिकी है,
किसी और से मोहब्बत
शायद अब हो ना हो।

मोह नहीं किसी चीज़ का अब,
बिन शर्तों के तुझे चाह कर
तेरी चाहत महसूस कर ली।
इतनी अच्छी किस्मत कभी,
शायद अब हो ना हो।

सारे एहसासों को हिफाज़त से रखूंगा।
किसी से ऐसा राबता,
शायद अब हो ना हो।

– सिद्धांत शर्मा

Language: Hindi
228 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम आंखें बंद कर लेना....!
तुम आंखें बंद कर लेना....!
VEDANTA PATEL
हिन्दू एकता
हिन्दू एकता
विजय कुमार अग्रवाल
कविता -नैराश्य और मैं
कविता -नैराश्य और मैं
Dr Tabassum Jahan
बाल कविता: चिड़िया आयी
बाल कविता: चिड़िया आयी
Rajesh Kumar Arjun
■ बात सब पर लागू। नेताओं पर भी।।
■ बात सब पर लागू। नेताओं पर भी।।
*प्रणय प्रभात*
आज के रिश्ते
आज के रिश्ते
पूर्वार्थ
************ कृष्ण -लीला ***********
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
Yogendra Chaturwedi
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
दोस्तो जिंदगी में कभी कभी ऐसी परिस्थिति आती है, आप चाहे लाख
Sunil Maheshwari
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
Sampada
दोहे बिषय-सनातन/सनातनी
दोहे बिषय-सनातन/सनातनी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"संवाद "
DrLakshman Jha Parimal
फूल ही फूल संग
फूल ही फूल संग
Neeraj Agarwal
मरने के बाद करेंगे आराम
मरने के बाद करेंगे आराम
Keshav kishor Kumar
Love ❤
Love ❤
HEBA
बदल जाते हैं मौसम
बदल जाते हैं मौसम
Dr fauzia Naseem shad
हवेली का दर्द
हवेली का दर्द
Atul "Krishn"
नशा-ए-दौलत तेरा कब तक साथ निभाएगा,
नशा-ए-दौलत तेरा कब तक साथ निभाएगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"परिवर्तन"
Dr. Kishan tandon kranti
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मन
मन
Sûrëkhâ
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुम गए कहाँ हो 
तुम गए कहाँ हो 
Amrita Shukla
होके रुकसत कहा जाओगे
होके रुकसत कहा जाओगे
Awneesh kumar
ये तो मुहब्बत में
ये तो मुहब्बत में
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
sudhir kumar
पार्थगाथा
पार्थगाथा
Vivek saswat Shukla
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
Ashwini sharma
ममत्व की माँ
ममत्व की माँ
Raju Gajbhiye
परीक्षा
परीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...