Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2022 · 1 min read

अब नये साल में

शायद बदल जाए यह साल, नए साल में।
बदले बंदे, दिल ए हाल ,अब नए साल में।।
खुल जाए रास्ते, नहीं हो कोई जाम,
छुटे नहीं मंजिल, ना बिखरे मुकाम।
टूटे नहीं अमन, बंधे हार नाजुक धागे में,
खिल जाए नेह गुलाब, अब नए साल में ।।
शायद बदल जाए यह साल, नए साल में——
मिले सीट सबको, इस लम्बे से सफर,
जॉब भी मिल जाये, जब इंटरव्यू हो गर।
ना बैठे छत बस की, ना सोये फुटपाथ में,
बेघर भी घर मालिक,अब नए साल में।।
शायद बदल जाए यह साल, नए साल में—-
बज जाय इस आलय विद्या का डंका,
बिन मोल भाव भेद, मेहनत का मनका,
आउट ना हो पेपर, इस शहर इम्तिहाँ में ।
शिक्षा न हो व्यापार, अब नए साल में।।
शायद बदल जाए यह साल, नए साल में—–
उतर जाय महंगाई, रहे हर जगह सफाई,
लेकर जाय बचत सभी को ऐसी कमाई।
ना भगदड़ हो, ना जंग भीड़ भाड़ में,
हरियाली चहुँ ओर फैले, अब नए साल में।।
शायद बदल जाए यह साल, नए साल में—-
बदले बन्दे, दिल ए हाल, अब नए साल में—
(रचनाकार- डॉ शिव लहरी)

Language: Hindi
1 Like · 131 Views

Books from डॉ. शिव लहरी

You may also like:
I was sailing my ship proudly long before your arrival.
I was sailing my ship proudly long before your arrival.
Manisha Manjari
मेरी है बड़ाई नहीं
मेरी है बड़ाई नहीं
Satish Srijan
*मां चंद्रघंटा*
*मां चंद्रघंटा*
Shashi kala vyas
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का
Rambali Mishra
देखकर उन्हें देखते ही रह गए
देखकर उन्हें देखते ही रह गए
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
*जो घर-परिवार अपने हैं, न उनसे दूर हो जाना (मुक्तक)*
*जो घर-परिवार अपने हैं, न उनसे दूर हो जाना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
Subhash Singhai
मैं भारत हूं
मैं भारत हूं
Ankit Halke jha
खत्म हुआ जो तमाशा
खत्म हुआ जो तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
चंद दोहे नारी पर...
चंद दोहे नारी पर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐ज्ञेय: सर्वा: वस्तुनि नाशवान्💐
💐ज्ञेय: सर्वा: वस्तुनि नाशवान्💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शिव दोहा एकादशी
शिव दोहा एकादशी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पल भर की खुशी में गम
पल भर की खुशी में गम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जब कोई साथी साथ नहीं हो
जब कोई साथी साथ नहीं हो
gurudeenverma198
असत्य पर सत्य की जीत
असत्य पर सत्य की जीत
VINOD KUMAR CHAUHAN
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अतीत का अफसोस क्या करना।
अतीत का अफसोस क्या करना।
पीयूष धामी
■ नमन, वंदन, अभिनंदन
■ नमन, वंदन, अभिनंदन
*Author प्रणय प्रभात*
शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !
शोर जब-जब उठा इस हृदय में प्रिये !
Arvind trivedi
हिंदी का वर्तमान स्वरूप एवं विकास की संभावना
हिंदी का वर्तमान स्वरूप एवं विकास की संभावना
Shyam Sundar Subramanian
इश्क का भी आज़ार होता है।
इश्क का भी आज़ार होता है।
सत्य कुमार प्रेमी
कुज्रा-कुजर्नी ( #लोकमैथिली_हाइकु)
कुज्रा-कुजर्नी ( #लोकमैथिली_हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
अभिमान
अभिमान
Shutisha Rajput
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
ये मेरे घर की चारदीवारी भी अब मुझसे पूछती है
श्याम सिंह बिष्ट
"लक्की"
Dr Meenu Poonia
तेरा नूर
तेरा नूर
Dr.S.P. Gautam
रामचरित पे संशय (मुक्तक)
रामचरित पे संशय (मुक्तक)
पंकज कुमार कर्ण
मेरी पायल की वो प्यारी सी तुम झंकार जैसे हो,
मेरी पायल की वो प्यारी सी तुम झंकार जैसे हो,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
Desires are not made to be forgotten,
Desires are not made to be forgotten,
Sakshi Tripathi
Loading...