Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2024 · 1 min read

अब कहने को कुछ नहीं,

अब कहने को कुछ नहीं,
अब देखने को कुछ नहीं,
अब सुनने को कुछ नहीं,
ये तीनों बातें ही सच्चे रिश्तेंं और कई जिंदगियां तबाह कर देती हैं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

79 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

पुरुष का दर्द
पुरुष का दर्द
पूर्वार्थ
शुक्रिया तुम्हारा।
शुक्रिया तुम्हारा।
लक्ष्मी सिंह
- हादसा मोहब्बत का -
- हादसा मोहब्बत का -
bharat gehlot
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
Ranjeet kumar patre
I'm not proud
I'm not proud
VINOD CHAUHAN
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Sakshi Tripathi
"चित्कार "
Shakuntla Agarwal
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
Phool gufran
सच्चे मन से जो करे,
सच्चे मन से जो करे,
sushil sarna
2955.*पूर्णिका*
2955.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यही तो जीवन है
यही तो जीवन है
OM PRAKASH MEENA
** चिट्ठी आज न लिखता कोई **
** चिट्ठी आज न लिखता कोई **
surenderpal vaidya
"लोहा"
Dr. Kishan tandon kranti
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
#वक्त मेरे हत्थों किरया
#वक्त मेरे हत्थों किरया
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
Jogendar singh
चार दिन की जिंदगी
चार दिन की जिंदगी
Karuna Goswami
तुम पुरमासी के चाँद सी...
तुम पुरमासी के चाँद सी...
शिवम "सहज"
इस जन्म में नामुमकिन है,हम दोनों का मेल प्रिये ! (हास्य कविता)
इस जन्म में नामुमकिन है,हम दोनों का मेल प्रिये ! (हास्य कविता)
पियूष राज 'पारस'
मेरे हाथों से छूट गई वो नाजुक सी डोर,
मेरे हाथों से छूट गई वो नाजुक सी डोर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उपवास
उपवास
Kanchan verma
सत्य साधना
सत्य साधना
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
कैसा कोलाहल यह जारी है....?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
आदतों में जो थी आवाजें।
आदतों में जो थी आवाजें।
Manisha Manjari
प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
Shashi kala vyas
*नारी पर गलत नजर डाली, तो फिर रावण का नाश हुआ (राधेश्यामी छं
*नारी पर गलत नजर डाली, तो फिर रावण का नाश हुआ (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
दोहे -लालची
दोहे -लालची
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कल के नायक आज बनेंगे
कल के नायक आज बनेंगे
Harinarayan Tanha
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
गीत लिखूं...संगीत लिखूँ।
Priya princess panwar
बुरा नहीं देखेंगे
बुरा नहीं देखेंगे
Sonam Puneet Dubey
Loading...