अब कभी तुमको खत,हम नहीं लिखेंगे
अब कभी तुमको खत, हम नहीं लिखेंगे।
कभी याद अब तुमको, हम नहीं करेंगे।।
अब कभी तुमको खत—————-।।
करें बेवफाई कोई, आँसू नहीं दिखाना।
हमपे है शक तो हम,वफ़ा नहीं करेंगे।।
अब कभी तुमको खत—————–।।
सींचा चमन तेरा, अपना बनाकर ख्वाब।
बहुत हुए तुमसे बर्बाद, प्यार नहीं करेंगे।।
अब कभी तुमको खत—————-।।
खता क्या हुई हमसे,कमी क्या थी हममें।
माना तुम हो बहुत हसीन, हम नहीं देखेंगे।।
अब कभी तुमको खत——————।।
कुछ भी करो अब तुम, नहीं हमको मतलब।
कोशिश तुमको रोकने की,हम नहीं करेंगे।।
अब कभी तुमको खत——————।।
मिलेंगे कभी अगर अब, होंगे अजनबी हम।
कदम तेरी दर पे अब हम, कभी नहीं रखेंगे।।
अब कभी तुमको खत—————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)