Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

अबोध प्रेम

अवसान दिवस का होने वाला
संध्या कुछ विशिष्ठ सी स्वर
एक पीली शाम के कहानी किसी अतीत की।।
किया बहुत प्रयास आया नही
कुछ याद छन छन पायल की
आवाज गूँजती एक पीली शाम
संध्या करीब की।।
गगन कुछ लोहित स्वछंद मधुमास
पवन बता रही सृंगार शाश्वत
सत्य व्यक्त अव्यक्त मधुर पवन
झोके एक पीली शाम की।।
गमक रही धारा आने वाली सूरज की लाली बता रही दृश्य दृष्टांत प्रभा प्रभात की गति चाल नित्य निरंतर की।।
सामने अचानक बचपन अठखेली प्रेम की परी संजी संवरी वचन प्रतिज्ञा मुक्ति याचना विवश तिरस्कार
पुरस्कार एक पीली शाम की।।
आंखों से आंखे मिली शान्त मन कंठ अवरुद्ध अश्रु की धाराओं ने पल
में ही बता दिया युग को बचपन अठखेली प्रेम का अन्तर्मन अतीत की।।
शब्द नही थे फिर भी अविनि और आकाश में गूंज निर्झर निर्मल प्रेम
डोर टूटने अवसान दिवस की संध्या विशिष्ठ एक शाम पीली की।।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
कलियों सी मुस्कुराती
कलियों सी मुस्कुराती
Anand Kumar
नारी- शक्ति आह्वान
नारी- शक्ति आह्वान
Shyam Sundar Subramanian
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
gurudeenverma198
#संघर्षशील जीवन
#संघर्षशील जीवन
Radheshyam Khatik
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
Meenakshi Masoom
नया साल
नया साल
umesh mehra
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Life
Life
Neelam Sharma
उम्मीद का दामन।
उम्मीद का दामन।
Taj Mohammad
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
बड़े दिनों से चढ़ा है तेरे प्यार का नसा।
Diwakar Mahto
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
Lokesh Sharma
ये  कैसी  मंजिल  है  इश्क  की.....
ये कैसी मंजिल है इश्क की.....
shabina. Naaz
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
कवि रमेशराज
एक दिन हम भी चुप्पियों को ओढ़कर चले जाएँगे,
एक दिन हम भी चुप्पियों को ओढ़कर चले जाएँगे,
पूर्वार्थ
नारी
नारी
Dr.Pratibha Prakash
लोग मेहनत से एक एक रुपए कमाते हैं
लोग मेहनत से एक एक रुपए कमाते हैं
Sonam Puneet Dubey
गीत
गीत
जगदीश शर्मा सहज
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
Befikr Lafz
जिन्दगी तेरे लिये
जिन्दगी तेरे लिये
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
सुरक्षित भविष्य
सुरक्षित भविष्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जरूरी और जरूरत
जरूरी और जरूरत
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बहुत दाम हो गए
बहुत दाम हो गए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*फागुन का बस नाम है, असली चैत महान (कुंडलिया)*
*फागुन का बस नाम है, असली चैत महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"अमीर"
Dr. Kishan tandon kranti
``बचपन```*
``बचपन```*
Naushaba Suriya
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
Mukesh Kumar Sonkar
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
.??
.??
*प्रणय प्रभात*
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
Ramnath Sahu
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
VINOD CHAUHAN
Loading...