Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2016 · 1 min read

अपने ही करम से //गीतिका//

अपने ही करम से इंसान है तंग
यहाँ जीवन खेल है,जीवन है जंग

असलियत छिपा कर चलते है लोग
किसे पता किसका ईमान हैं बदरंग

चलते नहीं क्यों,कोई सीधे राह में
वक्त के इंतज़ार में जीवन है दरंग

ऐसे नीरस जीवन का क्या फायदा
न खुद का साया न मन है संग

आसमां में बेखौफ़ उड़ता क्यों नहीं
छू नयी ऊचाँई को जीवन है पतंग

दुष्यंत कुमार पटेल “चित्रांश”

311 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Dushyant Kumar Patel
View all
You may also like:
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
जगदीश लववंशी
बहुत देखें हैं..
बहुत देखें हैं..
Srishty Bansal
विचार
विचार
आकांक्षा राय
संविधान /
संविधान /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
खुशबू बनके हर दिशा बिखर जाना है
VINOD KUMAR CHAUHAN
मुझ को इतना बता दे,
मुझ को इतना बता दे,
Shutisha Rajput
✍️मुझे कातिब बनाया✍️
✍️मुझे कातिब बनाया✍️
'अशांत' शेखर
बंदर भैया
बंदर भैया
Buddha Prakash
दो शब्द यदि हम लोगों को लिख नहीं सकते
दो शब्द यदि हम लोगों को लिख नहीं सकते
DrLakshman Jha Parimal
सारथी
सारथी
लक्ष्मी सिंह
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
एक बेहतर जिंदगी का ख्वाब लिए जी रहे हैं सब
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दुःख
दुःख
Dr. Kishan tandon kranti
वो लड़का
वो लड़का
bhandari lokesh
धूल में नहाये लोग
धूल में नहाये लोग
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
2540.पूर्णिका
2540.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*राम-सिया के शुभ विवाह को, सौ-सौ बार प्रणाम है (गीत)*
*राम-सिया के शुभ विवाह को, सौ-सौ बार प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
"काहे का स्नेह मिलन"
Dr Meenu Poonia
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कवि दीपक बवेजा
💐अज्ञात के प्रति-60💐
💐अज्ञात के प्रति-60💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सनम
सनम
Satish Srijan
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
“माटी ” तेरे रूप अनेक
“माटी ” तेरे रूप अनेक
DESH RAJ
गीत
गीत
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दानवीर सुर्यपुत्र कर्ण
दानवीर सुर्यपुत्र कर्ण
Ravi Yadav
"चुनावी साल"
*Author प्रणय प्रभात*
*चुन मुन पर अत्याचार*
*चुन मुन पर अत्याचार*
Nishant prakhar
जो हुआ अच्छा, जो हो रहा है अच्छा, जो होगा वह और भी अच्छा । सबमे कल्याण समाया हुआ है।
जो हुआ अच्छा, जो हो रहा है अच्छा, जो होगा वह और भी अच्छा । सबमे कल्याण समाया हुआ है।
Uday kumar
एक अकेला
एक अकेला
Punam Pande
मेरे सिवा कौन इतना, चाहेगा तुमको
मेरे सिवा कौन इतना, चाहेगा तुमको
gurudeenverma198
सुख मेरा..!
सुख मेरा..!
Hanuman Ramawat
Loading...