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8 Oct 2016 · 1 min read

अपने से होते है

सारे बुजुर्ग अपने से ही होते है
बस बच्चों के सहारे ही होते है

सब है मन मरजी के मालिक
आये न काम तो उनको खोते है

मत करो तुम बादलों की होते है
जल बिना सब धरती पर रोते है

बच्चे करते है अजीब नादानियाँ
अपने लिए बीज नफरत के बोते है

सरहदें जब हो जाए सैन्य सुसज्जित
मधु जन जनता सब चैन से सोते है

70 Likes · 390 Views
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