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29 Oct 2024 · 1 min read

अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,

अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,
है ज़िन्दगी क्या ये सोचता हूँ,
खुदसे क़लह है, ख़लिश है ऐसी,
खुद चेहरा अपना नोचता हूँ।

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