Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2024 · 1 min read

“अपनी ही रचना को थोड़ी देर के लिए किसी दूसरे की मान कर पढ़िए ए

“अपनी ही रचना को थोड़ी देर के लिए किसी दूसरे की मान कर पढ़िए एक बार। हो सकता है सच समझ आए।”
#सब_नहीं।
(सिर्फ़ अपने नाम के आगे तमाम सारे विशेषण लगाने वाले मूढ़धन्य विद्वतजन M/F दोनों)😊

👌प्रणय प्रभात👌

1 Like · 88 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अच्छे बच्चे
अच्छे बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
Manisha Manjari
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
💐तेरे मेरे सन्देश-2💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अनोखा देश है मेरा ,    अनोखी रीत है इसकी।
अनोखा देश है मेरा , अनोखी रीत है इसकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मौत
मौत
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जय जवान जय किसान
जय जवान जय किसान
Khajan Singh Nain
झूठ का अंत
झूठ का अंत
Shyam Sundar Subramanian
2949.*पूर्णिका*
2949.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पितृपक्ष
पितृपक्ष
Neeraj Agarwal
आजादी का यार
आजादी का यार
RAMESH SHARMA
वो बेजुबान कितने काम आया
वो बेजुबान कितने काम आया
Deepika Kishori
छंद मुक्त कविता : विघटन
छंद मुक्त कविता : विघटन
Sushila joshi
लोग तुम्हे जानते है अच्छी बात है,मायने तो यह रखता है की आपको
लोग तुम्हे जानते है अच्छी बात है,मायने तो यह रखता है की आपको
Rj Anand Prajapati
सात पात बिछाए मौजा
सात पात बिछाए मौजा
Madhuri mahakash
यह तुम्हारी गलत सोच है
यह तुम्हारी गलत सोच है
gurudeenverma198
क्यों बदल जाते हैं लोग
क्यों बदल जाते हैं लोग
VINOD CHAUHAN
रोज़ दरवाज़े खटखटाती है मेरी तन्हाइयां,
रोज़ दरवाज़े खटखटाती है मेरी तन्हाइयां,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
చివరికి మిగిలింది శూన్యమే
చివరికి మిగిలింది శూన్యమే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जब तुम खामोश रहती हो....
जब तुम खामोश रहती हो....
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
निमंत्रण ठुकराने का रहस्य
निमंत्रण ठुकराने का रहस्य
Sudhir srivastava
नसीहत वो सत्य है, जिसे
नसीहत वो सत्य है, जिसे
Ranjeet kumar patre
अनपढ़ बनावे के साज़िश
अनपढ़ बनावे के साज़िश
Shekhar Chandra Mitra
नवयुग का भारत
नवयुग का भारत
AMRESH KUMAR VERMA
जागरण
जागरण
Shekhar Deshmukh
दोहा __
दोहा __
Neelofar Khan
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
..
..
*प्रणय*
शिक्षा
शिक्षा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
खुद से ही अब करती बातें
खुद से ही अब करती बातें
Mamta Gupta
Loading...