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12 Feb 2023 · 1 min read

अपनी यही चाहत है_

अपनी यही चाहत है_
न कोई आहत हो।
बस इतना हो जाए_
हमारे लिए यही राहत है।
कवि _ राजेश व्यास “अनुनय “

1 Like · 512 Views
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