जनदृष्टि संस्थान, बदायूँ द्वारा "राष्ट्रीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान-2024" से सम्मानित हुए रूपेश
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
बहुत सी बातों को यूँही छोड़ देना चाहिए बिना किसी सवाल जवाब न
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
बड़े हो गए अब बेचारे नहीं।
प्रकृति से हमें जो भी मिला है हमनें पूजा है
जीत और हार ज़िंदगी का एक हिस्सा है ,
बाल गीत "लंबू चाचा आये हैं"
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
नाम कमाले ये जिनगी म, संग नई जावय धन दौलत बेटी बेटा नारी।
*निर्धनता में जी लेना पर, अपने चरित्र को मत खोना (राधेश्यामी
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
जुमला मैने एक जो, ऊपर दिया उछाल
सोचके बत्तिहर बुत्ताएल लोकके व्यवहार अंधा होइछ, ढल-फुँनगी पर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)