Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Dec 2022 · 1 min read

पता ही नहीं चला

किसने ,कब मुझे छला।
पता ही नहीं चला।
इश्क करके क्या मिला।
दिल तिल तिल कर जला।
मना किया था सबने
ये इश्क़ है बुरी बला।
दिल नहीं माना मगर
रोज़ उसी डगर चला।
बावफा की तलाश करो
हर शख्स बेवफा मिला।
कांटों भरे है रास्ते
आ प्यार की शमा जला।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
Tag: कविता
50 Views
You may also like:
हायकू
हायकू
Ajay Chakwate *अजेय*
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या ईमान
कलम बेच दूं , स्याही बेच दूं ,बेच दूं क्या...
कवि दीपक बवेजा
परोपकारी धर्म
परोपकारी धर्म
Shekhar Chandra Mitra
*बुलाने से अगर ईश्वर, चला आए तो क्या कहने(मुक्तक)*
*बुलाने से अगर ईश्वर, चला आए तो क्या कहने(मुक्तक)*
Ravi Prakash
मेरी कविताएं
मेरी कविताएं
Satish Srijan
कविता
कविता
Rambali Mishra
दिल बहलाएँ हम
दिल बहलाएँ हम
Dr. Sunita Singh
आँसू
आँसू
Dr. Kishan tandon kranti
बे'बसी हमको पे रो गई आके
बे'बसी हमको पे रो गई आके
Dr fauzia Naseem shad
अपनापन
अपनापन
shabina. Naaz
वही इब्तिदा वही इन्तिहा थी।
वही इब्तिदा वही इन्तिहा थी।
Taj Mohammad
औरत औकात
औरत औकात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आँखों में आँसू क्यों
आँखों में आँसू क्यों
VINOD KUMAR CHAUHAN
गुफ्तगू की अहमियत ,                                       अब क्या ख़ाक होगी ।
गुफ्तगू की अहमियत , अब क्या ख़ाक होगी ।
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
किवाड़ खा गई
किवाड़ खा गई
AJAY AMITABH SUMAN
सम्बन्धों  में   हार  का, अपना  ही   आनंद
सम्बन्धों में हार का, अपना ही आनंद
Dr Archana Gupta
कळस
कळस
Shyam Sundar Subramanian
पेड़ो की दुर्गति
पेड़ो की दुर्गति
मानक लाल"मनु"
✍️मैले है किरदार
✍️मैले है किरदार
'अशांत' शेखर
जी लगाकर ही सदा,
जी लगाकर ही सदा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
'एक सयानी बिटिया'
'एक सयानी बिटिया'
Godambari Negi
# जिंदगी ......
# जिंदगी ......
Chinta netam " मन "
■ पैग़ाम
■ पैग़ाम
*Author प्रणय प्रभात*
"शिवाजी महाराज के अंग्रेजो के प्रति विचार"
Pravesh Shinde
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह )
श्याम सिंह बिष्ट
💐प्रेम कौतुक-480💐
💐प्रेम कौतुक-480💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
“मैं क्यों कहूँ मेरी लेखनी तुम पढ़ो”
“मैं क्यों कहूँ मेरी लेखनी तुम पढ़ो”
DrLakshman Jha Parimal
ऐसी बरसात भी होती है
ऐसी बरसात भी होती है
Surinder blackpen
कबले विहान होखता!
कबले विहान होखता!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
हर स्नेह के प्रति, दिल में दुआएं रखना
हर स्नेह के प्रति, दिल में दुआएं रखना
Er.Navaneet R Shandily
Loading...