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31 Mar 2023 · 1 min read

अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे

अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
फिर से दिल पर नासूर नये घाव बढ़ गये थे..

रिश्तों की अहमियत का भी उसे वास्ता दिया
पर बदज़ुबाँ उसके लफ्ज़ गर्मी से चढ़ गये थे..

®©- ‘अशांत’ शेखर
31/03/2023

223 Views
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